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BALRAMPUR:प्रकृति पर आधारित परछाइयां पुस्तक का विमोचन




अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के मशहूर शख्सियत अपने बलबूते पर व्यापार के माध्यम से अलग पहचान बनाने वाले कपड़ा व्यवसायी व सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाले प्रकृति प्रेमी दर्शन लाल गुलाटी द्वारा लिखी गई पुस्तक परछाइयां का विमोचन शुक्रवार को एक धार्मिक आयोजन के दौरान उन्हीं के समस्त परिवारी जनों के मौजूदगी में किया गया ।


जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार में कपड़े का व्यवसाय करने वाले दर्शन लाल गुलाटी ने अपने मेहनत के बदौलत साबित कर दिया है कि कुछ करने का जज्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है । 


पाकिस्तान के गुजरावाला में 1935 में जन्मे 87 वर्षीय दर्शन लाल गुलाटी बताते हैं कि उन्होंने 1947 में आजादी के बाद हुए बंटवारे का वह दंश अपनी आंखों से देखा है, जिसे सुनकर शरीर में सिहरन पैदा हो जाती है ।


जब बंटवारे के बाद पाकिस्तान में हुए कत्लेआम की घटना को सुनने वाला सिहर जाता है, तो उस घटना को झेल चुके व्यक्ति के दिलों पर क्या बीतती होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है । 


बंटवारे के बाद कत्लेआम के जीतेजागते प्रतिमूर्ति गवाह दर्शन लाल गुलाटी घटना का जिक्र होते ही फफक पड़ते हैं । आंखों से आंसू छलकने लगता है । 


पाकिस्तान से अपने पिता के साथ पलायन के बाद दर्शन लाल गुलाटी वर्षों तक सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर मूंगफली बेच कर अपना जीवन यापन किया । 


छोटे-मोटे ब्यवसायों के जरिए धीरे-धीरे बलरामपुर तक पहुंचे, जहां पर उन्होंने छोटी सी दुकान में रेडीमेड कपड़ों को बेचना शुरू किया । मेहनत और लगन के बदौलत उन्होंने कपड़े के व्यापार में बेशुमार दौलत अर्जित की और अपनी अलग पहचान बनाया । 


उन्होंने व्यापार के व्यस्ततम जीवन में अपना प्राकृति प्रेम कभी नहीं छोड़ा । प्रकृति के बीच रहना, प्राकृतिक संपदाओं से प्रेम करना, पेड़ पौधों, सरोवरों, नदियों, झरनो व पहाड़ों के प्रति उनकी आस्था का ही परिणाम है कि उन्होंने प्राकृतिक संपदाओं पर आधारित अपने जीवन की अनुभूतियों के आधार पर एक पुस्तक तैयार कर दी । 


हालांकि पुस्तक के प्रकाशन में उनके पूरे परिवार की अहम भूमिका रही है । वर्तमान समय में दर्शन लाल गुलाटी एक बरगद के पेड़ की तरह है, जिनकी जड़ें तो भारत में हैं परंतु शाखाएं विभिन्न प्रदेशों से होता हुआ विदेशों में कनाडा तक फैला हुआ है ।


 दर्शन लाल गुलाटी के बड़े बेटे संजीव गुलाटी तथा बड़ी बहू रेनू गुलाटी जिला मुख्यालय पर कपड़े की अलग-अलग दुकानों का संचालन कर रहे हैं । छोटे बेटे राजीव गुलाटी बहू अर्चना गुलाटी पोता हर्षित गुलाटी पौत्रवधू श्रेया गुलाटी तथा हार्दिक गुलाटी दिल्ली में स्थापित कपड़े के व्यापार का संचालन कर रहे हैं । 


उनकी बड़ी बेटी पूनम राजे, दामाद सुरेश कुमार तथा छोटे दामाद नवीन चावला व बेटी गीतिका चावला का व्यापार भारत से लेकर कनाडा तक फैला हुआ है । 

दर्शन लाल गुलाटी के भरे पूरे परिवार शाखाओं में सलोनी गुलाटी, श्रेया गुलाटी, दियारा गुलाटी, अंश चावला, आकाश मयूर, आकृति चावला, आर्या व अवि शामिल हैं ।

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