Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

VAT SAVITRI: वट सावित्री व्रत व सोमवती अमावस्या,जीवन से होगी दूर दरिद्रता,किस लाभ के लिए करें किस देव की पूजा, जानिए पूजन विधि



VAT SAVITRI: वट सावित्री या बरगदाही अमावस्या उत्तर भारत का एक पर्व है यह एक महान महिला सावित्री की ईश्वर के प्रति निष्ठा व पतिव्रत धर्म की महान शक्ति का परिचायक है । 


इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं यह व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या को होता है कुछ स्थानों पर यह ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को भी मनाया जाता है।


देवी सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे ही यमराज से अपने पति का जीवन वापस पाया था ,तभी से वट वृक्ष का इस दिन से पूजन प्रारम्भ हुआ।


पृथ्वी पर एक वट वृक्ष में तीनों देवों (ब्रह्मा ,विष्णु व महेश) की शक्तियां हैं वट वृक्ष अपनी विशालता के लिए भी जाना जाता है ।


यह वृक्ष ज्येष्ठ माह की तपती धूप से लोगों को बचाता रहा है इसीलिए ज्येष्ठ माह में इसकी पूजा की परम्परा बन गयी।


हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का खास महत्व होता है। सोमवती अमावस्या 30 मई 2022, दिन सोमवार को है। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। 


धर्म शास्त्रों के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन स्नान दान और पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है।  इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। 


शिव जी को समर्पित होने का कारण सोमवती अमावस्या का बहुत महत्व माना जाता है।  सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं और पीपल के वृक्ष का पूजन करते हुए अपने पति की दीर्घायु होने की कामना करती हैं। 


इसके अलावा सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को जल देने से उन्हें तृप्ति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन कुछ उपाय करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। 


शिवजी का करें अभिषेक

सोमवती अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है। इसलिए इस दिन शिवलिंग पर कच्चे दूध और दही से अभिषेक काले तिले अर्पित करें। 


साथ ही इस दिन कच्चा दूध और दही लें, साथ ही इसमें शहद मिलाएं और इससे भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें। इससे आपके बने हुए काम पूरे होंगे।


मंत्र का करें जाप 

सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को जल दी जाती है। इसलिए इस दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल और पुष्प अर्पित करें साथ ही 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करें। इससे आप पर पितरों का आशीर्वाद बना रहेगा।


पीपल का एक पौधा लगाएं

यदि संभव हो तो सोमवती अमावस्या के दिन पीपल का एक पौधा जरूर लगाएं। ऐसा करने से पितर बेहद प्रसन्न होते हैं। 


भगवान विष्णु और पीपल के वृक्ष की करें पूजा 

सोमवती अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें, पूजन से पहले खुद पर गंगाजल का छिड़काव करें। साथ ही इस दिन पीपल के वृक्ष का पूजन करें और पीले रंग के पवित्र धागे को 108 बार परिक्रमा करके बांधें। 


गणेश जी की पूजा 

वैसे तो सोमवती अमावस्या के दिन शिव जी की पूजा की जाती है, लेकिन यदि इस दिन भगवान गणेश की भी पूजा की जाए तो विशेष फल मिलता है।  इस दिन गणेश जी को सुपारी अर्पित करना चाहिए। 

 

आचार्य पवन तिवारी

संस्थापक अध्यक्ष ज्योतिष सेवा संस्थान


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे