Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

नहरों में पानी न आने से किसान हुए बेहाल , नहीं कर पा रहे धान की नर्सरी की बुवाई



विनोद कुमार

खबर प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील केआसपुर देवसरा क्षेत्र  के  शारदा सहायक रामपुर माइनर से है जहां  जिले के पूरे क्षेत्र की माइनरों  में पानी न आने से किसान परेशान हैं।


नहरों के पानी पर आश्रित किसान जहाँ धान की नर्सरी नहीं डाल पा रहे हैं। तो वहीं अधिकांश किसानों की उड़द मुंग चरी मक्का हरी सब्जियों की फसल नहर में पानी ना आने से सूख रही  है। 

जिसको लेकर क्षेत्र के किसानों में गहरा रोष व्याप्त है। गौरतलब हो कि जहां एक ओर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारियों की उदासीनता के चलते नहरों में पानी नहीं आ रहा है नहरों में पानी की जगह धूल उड़ रही है।


क्षेत्र के जागरूक कृषक  शंकर वर्मा उमा शंकर राजेंद्र प्रसाद अशोक गुप्ता,  सहित किसानों का कहना है कि करीब 2 महीने से नहरों में पानी नही आ रहा है। 


जिन किसानों ने नहरों के पानी पर आश्रित होकर मंहगी  खाद दवा डालकर एवं खून पसीना बहाकर उड़द मूंग चरी आदि की फसल तैयार  की थी  गर्मियों की फसल या तो सूख गई है या सूखने की कगार पर है। 


इंजन अथवा पंपिंग सेट से 200 से 250 रुपए तक प्रति घंटा सिंचाई होने के चलते अधिकांश किसानों ने एक-दो सिंचाई के बाद   फसल की सिंचाई करनी बन्द कर दी। 


लिहाजा उनकी गर्मी की फसल सूख गई।जिससे ऐसे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। किसानों का कहना है कि बौनी मसूरी सहित धान की कुछ किस्मों की नर्सरी में विलम्ब हो रहा है। 


विलम्ब से धान की नर्सरी करने से जहां पैदावार कम हो जाती है तो वहीं फसल में रोग और कीट लगने की सम्भावना बढ़ जाती है। 


नहरों में पानी न आने से क्षेत्र के किसानों में सिंचाई विभाग के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। क्षेत्र के किसानों ने मीडिया के माध्यम से जिलाधिकारी से नहरों में पानी छुड़वाने की मांग की है।

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे