पँश्याम त्रिपाठी
नवाबगंज गोण्डा: प्रधान के एक बाद एक किस्से सामने आते ही रहते है इसी तरह प्रधान द्वारा सरकार के मंशा पर पानी फेरते हुए एक कारनामा और सामने आया है।
सरकार मनरेगा योजना के तहत गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराने का प्रयास कर रही है ताकि जरुरतमंदों का गांव में रोजी-रोटी का जुगाड़ हो और वो शहरों की ओर पलायन न करें।
लेकिन कुछ जिम्मेदार लोग ही सरकार की इस मंशा में अवरोध उत्पन्न करते हुए गरीबों का हक मारकर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं।
क्षेत्र के अकबरपुर गांव में मनरेगा योजना के तहत तालाब की खुदाई और सौन्दर्यीकरण का काम चल रहा है।
जिसमें कागजों पर 25 मजदूर काम कर रहे हैं। लेकिन मौके पर 05 मजदूर नानपारा बहराइच जिले के और 05 गांव के मजदूर काम कर रहे हैं ।
जिसकी शिकायत गांव के विजयपाल सिंह और इंद्रजीत मिश्रा द्वारा पंचायत सचिव अनिल कुमार गौतम से की। इस बारे में पंचायत सचिव अनिल ने बताया कि सोमवार को शिकायत मिलने के बाद गांव की महिला ग्राम प्रधान यास्मीन को फोन पर काम रोकने के निर्देश दिए गए थे और काम बंद हो गया था।
मंगलवार को दुबारा बाहरी मजदूरों के काम करने की शिकायत मिलने पर मौके पर जाकर जांच की गई तो शिकायत सही पाई गई।
ग्राम प्रधान से काम रोकने को कहा गया लेकिन वह नहीं मानी और जबरन काम करा रहीं हैं।
पंचायत सचिव का कहना है कि इस काम को श्रमदान घोषित किया जायेगा और इसका कोई भुगतान नहीं किया जायेगा।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ