राकेश श्रीवास्तव
मनकापुर(गोंडा)उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण( यूपी नेडा ) के सौजन्य से आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा में गुरुवार को ऊर्जा संरक्षण विषय पर एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया ।
किसान गोष्ठी का शुभारंभ ग्राम पंचायत मऊ के प्रधान प्रतिनिधि अवधेश उपाध्याय द्वारा किया गया ।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी सच्चे लाल एवं परियोजना प्रबंधक प्रभाकर झा ने ऊर्जा संरक्षण के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी दी ।
उन्होंने बताया की घरेलू उपयोग में कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों को ध्यान में रखने पर विद्युत ऊर्जा का अधिकतम सदुपयोग किया जा सकता है । सामान्य बल्ब के स्थान पर एलईडी बल्ब का प्रयोग करें ।
जरूरत के अनुसार उसकी क्षमता के अनुरूप बल्ब का प्रयोग किया जाए । रेफ्रिजरेटर में खाद्य उत्पादों को गर्म न रखकर उनके स्थान पर सामान्य तापक्रम के दूध एवं सब्जियों को रखा जाये ।
घर के बाहर जाने पर बल्ब पंखे आदि उपकरणों को बंद कर दिया जाए । खेती में काम आने वाले ट्रैक्टर आदि कृषि मशीनों की समय-समय पर सर्विसिंग की जाए ।
खेती में काम आने वाले कृषि यंत्रों की समय-समय पर जांच करा ली जाए । खेतों का समतलीकरण कराने के पश्चात फसल उत्पादन करने पर सिंचाई जल की काफी बचत होती है साथ ही कम से कम विद्युत ऊर्जा का उपयोग किया जाता है ।
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ मिथिलेश कुमार पांडेय ने किसानों को ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा के सदुपयोग के बारे में बताया कि प्रतिदिन थोड़ी-थोड़ी बचत करके कम ऊर्जा में अधिक कार्य किया जा सकता है ।
डॉक्टर के के मोर्य, प्राध्यापक कृषि अभियंत्रण ने कृषि मशीनों के रखरखाव एवं मरम्मत की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि उन्नत कृषि मशीनों का खेती में अधिकाधिक प्रयोग करके ऊर्जा का संरक्षण एवं बचत किया जा सकता है ।
डा. पीके मिश्रा वैज्ञानिक कृषि वानिकी ने ऊर्जा संरक्षण एवं बचत को अत्यंत उपयोगी बताया । डा.रामलखन सिंह वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने धान रोपाई के स्थान पर धान की सीधी बुवाई को ऊर्जा बचत का एक उत्तम उदाहरण बताया ।
डॉक्टर शशांक सिंह मत्स्य वैज्ञानिक ने तालाबों में ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा बचत के महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि तालाब की बलुई दोमट मिट्टी के स्थान पर भारी मटियार मिट्टी का प्रयोग करने पर तालाब में जल का संचय अधिक दिनों तक बना रहता है ।
डॉ मनीष कुमार मौर्य वैज्ञानिक फसल सुरक्षा ने फसलों में प्रयोग किए जाने वाले फसल सुरक्षा यंत्रों के प्रयोग की सावधानियों के बारे में जानकारी दी । डॉ अजय बाबू सिंह ने फसलों की खेती में मिट्टी के चयन को महत्वपूर्ण बताया ।
डॉक्टर दिनेश कुमार पांडेय ने फसलों की क्रांतिक अवस्थाओं में सिंचाई करने पर बल दिया । इस अवसर पर प्रगतिशील कृषकों महादेव यादव, राधेश्याम वर्मा, मेलाराम यादव, जुगल किशोर वर्मा सरिता देवी आपने प्रतिभाग कर पूर्व ऊर्जा संरक्षण विषय पर जानकारी प्राप्त की ।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यालय अधीक्षक इन्द्रभूषण सिंह, रोहित कुमार स्टेनोग्राफर, विक्रम सिंह यादव चालक उपस्थित रहे ।
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