अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर को टीवी मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान अंतर्गत वर्ल्ड विजन इंडिया, एफआईएनडी और रीच संस्था द्वारा यूनाइट टू एक्ट प्रोजेक्ट के तहत शनिवार को टीबी चैम्पियन का संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित किया गया ।
जानकारी के अनुसार 18 जून को आयोजित टीबी चैम्पियन का संवेदीकरण कार्यशालासमाज में बताया गया कि क्षय रोग यानि टीबी के प्रति जागरुकता बढ़ाने के साथ टीबी रोग को लेकर व्याप्त भेदभावों को दूर कर मरीजों के प्रति सद्भावना की अलख जगाने में टीबी चैम्पियन लोगों को जागरूक करेंगे । इसके लिए वह पोस्टर, पंपलेट, बैज और टैटू का सहारा लेंगे । टीबी चैंपियन मरीजों को संबल प्रदान कर उनकी हर तरह से मदद करेंगे । शुक्रवार को जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एके सिंघल ने वर्ल्ड विजन इंडिया, एफआईएनडी और रीच संस्था द्वारा यूनाइट टू एक्ट प्रोजेक्ट के तहत टीबी चैम्पियन के संवेदीकरण कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक को संबोधित करने के दौरान बतायी । उन्होंने बताया कि देश से क्षय रोग उन्मूलन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के साथ चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग निरंतर प्रतिबद्ध है । समुदाय की आखिरी पंक्ति तक जनजागरुकता बढ़ाकर क्षय रोग की जड़ को ख़त्म समूलतः नष्ट करने के लिए विभाग द्वारा नित नए प्रयास किये जा रहे हैं । इसी कड़ी में एक और योजना विभाग द्वारा बनाई गयी है । इसके तहत टीबी चैंपियन अब प्रचार-प्रसार के विभिन्न संसाधनों के माध्यम से डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर(डीटीसी), टीबी यूनिट(टीयू) और समाज के संभ्रांत व प्रभावशाली लोगों के बीच संवेदीकरण का कार्य करेंगे । उन्होंने बताया कि जिले के 10 टीबी चैंपियन ने मार्च 2022 तक 300 टीबी मरीजों के घर पहुंच कर उन्हें संबल प्रदान किया । मई 2022 तक 18 सामुदायिक बैठकें कीं और पांच एंटी स्टिग्मा कैंपेन भी चलाए । इसके साथ ही आमजन में टीबी रोग उन्मूलन के प्रति जागरुकता के लिए टीबी चैम्पियन से सहयोग की अपील करते हुए डॉ सिंघल ने कहा कि टीबी मरीजों को बीच में दवा न बंद करने हेतु प्रेरित करें । दवा बंद करने से टीबी बिगड़ सकती है यानि एमडीआर का रूप ले लेती है और कई बार एक्सडीआर टीबी भी बन जाती है, इसमें जटिलताएं बढ़ जाती हैं । टीबी की दवा तब तक खानी है, जब तक कि चिकित्सक द्वारा बंद करने की सलाह न दी जाए । इसी प्रकार टीबी के प्रत्येक निकटवर्ती व्यक्ति की (जो अत्यंत निकट रहा हो) टीबी जांच आवश्यक है और साथ ही उसे टीबी प्रिंवेटिव थेरेपी के तहत बचाव के लिए दवा खानी है ।
टीबी चैम्पियन देंगे ये संदेश
टीबी एक संक्रामक रोग है, जो बैक्टीरिया के कारण होता है और इसका पूरी तरह से इलाज संभव है । बालों और नाखूनों को छोड़ कर टीबी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है । फेफड़ों की टीबी को पल्मोनरी,जबकि शरीर के अन्य अंगों की टीबी को एक्स्ट्रा पल्मोनरी कहते हैं । केवल फेफड़े की टीबी ही संक्रामक है । जब टीबी ग्रसित व्यक्ति असुरक्षित तरीके से खांसता या बोलता है तो हवा के माध्यम से दूसरे को संक्रमण होता है ।
लक्षण दिखे तो कराएं जांच
डॉ सिंघल ने बताया कि अगर लगातार दो हफ्ते से खांसी आए, बलगम में खून आए, रात में बुखार के साथ पसीना आए, तेजी से वजन घट रहा हो, भूख न लगे, तो नजदीकी डीएमसी या टीयू पर टीबी जांच निःशुल्क करवा सकते हैं । अगर जांच में टीबी की पुष्टि हो, तो पूरी तरह ठीक होने तक इलाज चलाना है । राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी का निःशुल्क इलाज प्रदान किया जा रहा है । इस मौके पर वर्ल्ड विजन इंडिया संस्था के बलरामपुर जनपद के जिला समन्वयक अब्दुर्रहमान, श्रावस्ती जिला समन्वयक गौरव, डीपीसी अविनाश विक्रम सिंह, पीपीएम समन्वयक सुमित समेत अन्य लोग मौजूद रहे ।
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