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जिलाधिकारी ने चिलबिला कोट आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों को दवा पिलाकर स्वर्णप्राशन अभियान का किया शुभारम्भ



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़। आयुर्वेद विभाग एवं बाल विकास विभाग की पहल पर पुष्य नक्षत्र में जनपद के 8 विकास खण्ड के 52 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्वर्णप्राशन शिविर आयोजित किया गया।


जिसमें आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा 3155 बच्चों का स्वर्णप्राशन कराने का कीर्तिमान बनाया गया।

प्रतापगढ़ प्रदेश का पहला जिला है जहां एक साथ 52 केन्द्रों पर स्वर्णप्राशन अभियान चलाया गया।

स्वर्णप्राशन के पहले चरण में मंगरौरा में 10 आंगनबाड़ी केन्द्र, सदर में 15, मानधाता में 10, शिवगढ़ में 4, बाबागंज में 1, पट्टी में 1, बाबा बेलखरनाथधाम में 1 तथा बिहार विकास खण्ड में 10 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन की खुराक दी गयी। 


जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल एवं मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने चिलबिला कोट स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों को इम्युनिटी वर्धक आयुर्वेदिक दवा पिलाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। 


इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि स्वर्णप्राशन अभियान बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया।


 प्रयास सराहनीय है। स्वर्णप्राशन से बच्चों में होने वाले कुपोषण की समस्या को कम किया जा सकता है जिससे समय से वजन और लम्बाई बढ़ने के साथ मानसिक विकास भी सम्भव होगा। स्वर्णप्राशन बच्चों के लिये इम्युनिटी बूस्टर का काम करेगा।


मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने कहा कि आयुर्वेद से जुड़े हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व वायरस और बैक्टीरिया जनित बीमारियों से लड़ने के लिये एक ऐसा रसायन तैयार किया था जिसे स्वर्णप्राशन कहा जाता है। 


जनपद में इस अभियान को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा0 सरोज शंकर राम ने बताया कि स्वर्णप्राशन स्मरणशक्ति और धारणशक्ति बढ़़ाने वाले शुद्ध स्वर्णभस्म के निश्चित अनुपात में गाय के घी व शहद के साथ ड्रॉप के रूप में हमारे चिकित्साधिकारियों द्वारा तैयार किया गया है।


 इस अभियान में आयुर्वेद विभाग के 26 चिकित्साधिकारी, 27 फार्मासिस्ट तथा 60 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने सफल बनाया। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी पवन कुमार यादव, बाल विकास परियोजना अधिकारी रवीन्द्र कुमार उपाध्याय, डा0 रंगनाथ शुक्ल, डा0 आशीष कुमार त्रिपाठी, डा0 अवनीश पाण्डेय, डा0 शशेन्द्र कुमार, डा0 पवन कुमार मिश्रा सहित अन्य चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा0 धर्मेन्द्र ओझा द्वारा किया गया।

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