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ज्वलंत मुददों पर जबाबदेही से बचने का सियासी हथकण्डा है गृह मंत्री का बयान:प्रमोद तिवारी



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने पार्टी के द्वारा मंहगाई तथा बेरोजगारी पर किये जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री की प्रतिक्रिया को भी ज्वलंत समस्याओं से देश का ध्यान हटाने का सियासी हथकण्डा करार दिया है। 


राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का कर्तव्य है कि वह जनता की तकलीफों से जुडे ज्वलंत मुददों की जबाबदेही के लिए सरकार पर दबाव बनाये। 


उन्होने कहा कि इस समय बीजेपी इसके ठीक विपरीत मंहगाई से जूझ रही जनता की तकलीफों के समाधान के बजाय फिर मंदिर मस्जिद का बेतुका राग अलापने लगी है। 


उन्होने गृह मंत्री अमित शाह के बयान को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि कांग्रेस का गृह मंत्री के बयान से यह दावा पुख्ता हो गया है कि जब कभी भी बीजेपी हुकूमत की असफलताओं पर सवाल खडा होता है तो वह बचाव में मंदिर मस्जिद की रट शुरू कर बचाव की मुद्रा मे आ जाती है। 


शनिवार को जारी बयान में बकौल प्रमोद तिवारी श्रीराम मंदिर का शिलान्यास तो उन्नींस सौ नवासी मे ही दोनों पक्षो की सहमति से हो गया था। 


उन्होने कहा कि श्रीराम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर देश के सर्वानुमति की देन है। 


वहीं उप राष्ट्रपति चुनाव को लेकर श्री तिवारी ने कहा कि सरकार ने पहली बार इस गरिमामयी पद पर भी विपक्ष के साथ बैठकर सर्वसम्मति का प्रयास नही किया। 


उन्होनें कहा कि प्रचण्ड बहुमत में कांग्रेस भी जब कभी सरकार मे रही है और उप राष्ट्रपति पद का चुनाव हुआ तो विपक्ष ने भी अपना उम्मीदवार दिया। 


श्री तिवारी के मुताबिक इसके बावजूद कांग्रेस ने सत्ता पक्ष की तरफ से सदैव विपक्ष के साथ सर्वानुमति बनाने का सार्थक प्रयास किया। 


बीजेपी ने इस बार इस परम्परा को भी दरकिनार रखते हुए उप राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष को जरा सा भी विश्वास मे लेने का प्रयास नही किया। 


श्री तिवारी का यह बयान शनिवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के द्वारा निर्गत किया गया है।

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