बहराईच अस्पताल जिला के एमरजेंसी से लेकर चाइल्ड वार्ड व् माइनर ओटी तक के है कई महीनों से टूटे दरवाजे और गन्दगी बनी मरीजो के लिए जान खतरा जब ऐसे ही होगी ओटी तो कैसे घटेंगे रोगी।
बहराईच जिला अस्पताल के माइनर ऑप्रेशन कक्ष के टूटे दरवाजे मरीजो में संक्रमण फ़ैलाने के लिए काफी है। आप्रेशन कक्ष की साफ़ सफाई अति विशेष तरीके से होनी चाहिए जिससे मरीजो में संक्रमण न फैले लेकिन जिला अस्पताल की माइनर ओटी बदहाल है ऐसे में मरीजो में इंफेक्शन फैलने का प्रबल खतरा बना हुआ है ।
नियमानुसार माइनर ओटी की साफ़ सफाई के बाद के बाद बैक्टीरिया नाशक फार्मोलिंन का छिड़काव कर ओटी को कुछ देर के लिए बन्द करदेना चाहिए जिससे ओटी का स्टरलाइजेशन ठीक से हो सके और बीमारी व् संक्रमण फ़ैलाने वाले बैक्टीरिया पूरी तरह से खत्म हो सके।लेकिन जिला अस्पताल की लापरवाही का आलम ये है कि स्वास्थ्य कर्मी मरीजो की जान से खेल रहे है
यही नही माइनर ओटी में प्रकाश व्यवस्था भी राम भरोसे है जिससे प्रकाश की कमी में स्वास्थ्य कर्मियों को टांके लगाते समय भी लोहे के चने चबाने पड़ते है।
माइनर ओटी में मानक के अनुसार होने वाली प्रमुख व्यवस्थाएं भी ध्वस्त पड़ी है स्वास्थ्य कर्मियों को जरुरी उपकरण भी मुहैय्या नही कराये गये है जिससे आकस्मिक दुर्घटना में घायल मरीजो का उपचार सुचारू रूप से होना सम्भव नही हो पाता है जिम्मेदार अधिकारी कहने को तो रोज सुबह शाम जिला अस्पताल का निरीक्षण करते है लेकिन इन बड़ी कमियों पर उनका ध्यान क्यों नही जाता है ये जाँच का विषय है।




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