वजीरगंज (गोण्डा):-क्षेत्र के शिवाला गांव में चल रहे 41 दिवसीय जनकल्याणकारी अनुष्ठान का समापन अश्रुपूरित नयनों से बिदाई कार्यक्रम के साथ हो गया।
श्री गणेश जी महराज ने आज पहले राम वन गमन की कथा से सुरुवात कर रावण के मृत्यु तक की कथा विस्तार से सुनायी, जिसमे उन्होंने केवट प्रेम, सीता का अग्नि में प्रवेश, सीताहरण, हनुमानजी से मिलन, जटायु उद्धार, लक्ष्मण शक्ति,लंकादहन, रावण मरण सीता जी की अग्नि परीक्षा और अवध में वापसी की कथा का विस्तार से वर्णन किया। कथा में हास-परिहास के साथ - साथ कथानक शैली का अनूठा संगम रहा। कथा के बीच बीच मे मार्मिकता वाले प्रसंग पर श्रद्धालु भावविभोर भी हुए। महराज जी ने कथा के माध्यम से यह संदेश भी दिया कि सत्य की विजय हमेशा हुई है। सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नही।
कथा के अंत मे महराज जी ने आये हुए श्रद्धालुओं से दक्षिणा भी लिया, जिसमे उन्होंने कहा कि यदि दक्षिणा देना चाहते है तो , दक्षिणा के रूप में अपने व्यसन हमे संकल्प कर दीजिए, जिसमे कई लोगो ने शराब , गुटका, बीड़ी सिगरेट आदि छोड़ने का संकल्प मंत्रोच्चार के साथ लिया। अंत मे बिदाई गीत "रही जिंदगी तो मिलेंगे दुबारा' गाकर कथा का समापन किया, जिसमे महराज जी के साथ - साथ आये हुए श्रद्धालुओं के आखों में भी अश्रु धारा बह चली। उपास्थि जनसमुदाय ने श्री गणेश जी महराज को माल्यार्पण कर भावभीनी विदाई दी। कथा के समापन पर विशाल भंडारे का का आयोजन किया गया है, जिसमे क्षेत्र के लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है।


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