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बस्ती:कानवेंट स्कूल को टक्कर देता प्राइमरी स्कूल ...जानिए कैसे हुवा यह करिश्मा


सुनील उपाध्याय 
बस्ती यूपी। बस्ती जिले में प्राइमरी स्कूल की हालत सुधारने का जिम्मा बस्ती जिले में ट्रेनी आई ए एस चंद्रमोहन गर्ग ने लिया है ।  प्रशासन के लोग अपने अपने द्वारा चिन्हित विद्यालयों की दशा सुधारने में जुट गए है। इसी कड़ी में सबसे पहले आधुनिक विद्यालय का दर्जा पाया जिले के बस्ती सदर विकास का हलुआपार। इस विद्यालय को गोद लिया जिले के संयुक्त मजिस्ट्रेट यानी ट्रेनी आईएएस चंद्रमोहन गर्ग ने।
पेश है एक रिपोर्ट
प्राइमरी स्कूलों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है अगर कहीं काबिल शिक्षक हैं तो भवन नहीं और भवन है तो उसमें अपेक्षित सुविधाएं नहीं इसे ध्यान में रखते हुए योगी सरकार के जनप्रतिनिधि और अफसर उन चिन्हित विद्यालयों को गोद ले रहे हैं जिनमें आवश्यक सुविधाओं का अभाव है जिले में भी कई अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने कई विद्यालयों को गोद लिया लेकिन अभी उनकी हालत पहले से बेहतर नहीं हो पाई है इसी कड़ी में जिले के एक ट्रेनी आईएएस अफसर ने सदर ब्लाक के हलुवापार में एक ऐसे विद्यालय को गोद लिया जिस की हालत बद से बदतर थी लेकिन अब यह विद्यालय जिले के उस पहले पायदान पर खड़ा हो गया है जहां ना केवल सारी सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं बल्कि पढ़ाई को भी नया आयाम मिल रहा है हमारी टीम ने जब विद्यालय को कैमरे में कैद किया तो वह सारी सुविधाएं मौजूद मिली जो ना केवल कानवेंट स्कूल को टक्कर देती हैं बल्कि उनसे बेहतर नजर आएं चाहे क्लासरूम हो चाहे बच्चों का वेशभूषा हो चाहे बच्चों की पढ़ाई हो जाए शिक्षकों की खुद की वेशभूषा हो यानी हर लेवल पर योगी सरकार ने जो अपेक्षा की थी उस पर यह विद्यालय खरा उतर रहा है अगर शिक्षकों की माने तो अब उनके ऊपर और बड़ी जिम्मेदारी आ चुकी है कि बच्चों का बौद्धिक लेवल और ऊंचा किया जा सके उन्हें भविष्य में बेहतर नागरिक बनाने के साथ-साथ उनके रोजी-रोजगार में भी कोई बाधा ना हो ऐसी शिक्षा प्रदान करने की चुनौती शिक्षकों ने ली है और उसी दिशा में प्रयासरत है। विद्यालय के इंफ्रास्ट्रक्चर और शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ट्रेनी आईएएस अफसर ने जो कुछ कहा अगर उस हिसाब से कार्य किया जाए तो निश्चित रूप से शैक्षिक गुणवत्ता का स्तर बढ़ेगा उनकी माने तो जब उन्होंने सदर ब्लाक का चार्ज लिया तो इस विद्यालय को करीब से देखा और जो वहां की हालत थी वह बद से बदतर थी उसे चुनौती मानते हुए इस अफसर ने एक बड़ी जिम्मेदारी का बीड़ा उठाने का संकल्प लिया और हलवापार  ही नहीं ऐसे और विद्यालय उन्होंने गोद लिया है इन विद्यालयों में आवश्यक सुविधाएं और बेहतर पढ़ाई के लिए हर वह प्रयास शुरू कर दिए हैं जिससे हमारे भारत का भविष्य और सुखद हो सके।

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