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सुल्तानपुर:विदेश कमाने गये युवकों को पचास दिन बिताने पड़े जेल में



कहा-फिर नहीं जाएंगे विदेश, जानवरों से भी बुरी जिंदगी
खुर्शीद खान
दोस्तपुर,सुल्तानपुर।आये दिन युवकों को विदेश में नौकरी दिलवाने के बहाने भोले-भाले युवकों को ठग रहे है।ये ठग अपनी दुकान खोले बैठे है।जैसे ही कोई युवक के बारे में इनको जानकारी होती है,उसको तनख्वाह में मोटी रकम मिलने का हवाला दे कर विदेश जाने के लिए तैयार कर लेते है।बदले में बेरोज़गार से ही मोटी रकम वसूल लेते है। हकीकत सामने आने पर अपनी बात से ये ठग या तो मुँह मोड़ लेते या फरार हो जाते है।
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टूरिस्ट वीजा पर रोजगार की तलाश में मलयेशिया पहुंचे तीन युवकोें को मलेसिका पुलिस ने फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जहां 50 दिन काटने के बाद शनिवार को घर पहुंचे युवकों ने जब जुल्म की दास्तां सुनाई तो आंखें नम हो गईं। हालांकि अपने घर पहुंचने की खुशी उनके चेहरे पर झलक रही थी। युवकों ने कहा कि वे दोबारा कभी विदेश जाने की जुर्रत नहीं करेंगे, अपने देश में जो मिलेगा, रूखा-सूखा खाकर जीवन निर्वाह कर लेंगे।उन्होंने युवाओं को आगाह किया कि विदेशों में भारतीयों के साथ जानवरों जैसा सलूक किया जाता है। 
पिटाई के साथ सिर्फ जीने भर का खाना मिलता
एजेंटों के फर्जीवाड़े के शिकार इन युवकों ने सरकार से मांग की कि एक स्थायी ऐक्शन प्लान बनाया जाए, जिससे कोई मजबूर बेरोजगार इनकी साजिश का शिकार होकर प्रताड़ना न सहे।गए थे कमाने, मिली जेल दोस्तपुर के फिरोजपुर खुर्द निवासी महताब आलम और लल्लू और कादीपुर के सलाहपुर बुढ़ाना निवासी रामसिद्ध पुत्र रामराज बीते 21 नवंबर 2017 को मलयेशिया रोजगार की तलाश में गए। पीड़ितों के मुताबिक वे एक महीने तक कमरे में बैठे रहे। उसके बाद इन्हें एक कंपनी में काम दिलाया गया जहां उनसे जानवरों जैसा काम लिया जाता था। जीने भर का भोजन मिलता था। आराम करने पर पिटाई की जाती थी। इसी बीच 3 जनवरी 2018 की शाम को पुलिस आ पहुंची और तीनों को लेकर चली गई। बाद में उन्हें वीजा में फर्जीवाड़े का आरोप लगाकर जेल भेज दिया।
मुश्किल से बची जान 
जब उनके परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो वे मदद के लिए पूर्व ब्लॉक प्रमुख अशोक कुमार गौतम और समाजसेवी अब्दुल हक के पास पहुंचे। दोनों ने 25 जनवरी को विदेश मंत्रालय को खत लिखकर युवकों की घर वापसी की गुहार लगाई जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने पहल की और 21 फरवरी को तीनों को जेल से छोड़ दिया गया। वहां से तीनों युवक 22 फरवरी को चेन्नई पहुंचे और वहां से घर के लिए रवाना हुए। वे सुलतानपुर बस अड्डे शनिवार की शाम पहुंचे। युवकों ने बताया कि एजेंट अब्दुल रहमान निवासी अंबेडकर नगर के डिवाह रसूलपुर, अकरम और एक अन्य ने उन्हें वीजा दिलाया।

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