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कवियत्री शिवानी मिश्रा की काव्य रचना "चाहती हूं मै"








दिलो से आज ये नफरत मिटाना चाहती हूं मै,
सभी के प्यार अपने दिल मे बसाना चाहती हूं मै।।



बहन बेटी किसी की हो बुरी नजरे उठाना मत,
जेहन मे बात ये सबके बिठाना चाहती हूं मै।।



वतन का सुख चैन गर किसी ने बिगाड़ा तो,
उसे मै आग मे जिन्दा जलाना चहती हूँ मै।।



हमेशा तुम सभी से प्यार करना दिल दुखाना मत,
दिलो मे आज फिर सबको बसाना   चाहती हूं मै।।



सुनो इक बात अब शिवानी की तुम जरा दिल से,
सभी को प्यार करना अब सिखाना चाहती हूं मै।।

कवियत्री शिवानी मिश्रा,प्रतापगढ |

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