बनारसी चौधरी
बेलहरकलां, संतकबीरनगर।बेलहरकलां ब्लाक के अनेको गाँवों में साफ-सफाई बनाए रखने की जिम्मेदारी उठाने वाले सफाई कर्मचारी भले ही अपनी ड्यूटी सही तरह से न निभा पा रहे हों पर पंचायती राज विभाग उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपने को तैयार है।
लेकिन गांवों की स्थिति देखकर ऐसा लगता है नालियों की सफाई हुए एक जमाना हो गया है। सरकार सफाई कर्मियों को मोटी तनख्वाह तो देती है, लेकिन काम का कोई हिसाब नहीं लेती है। ऐसे में सफाई कर्मी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से नहीं करते हैं। कई-कई दिन गांवों में सफाई करने के लिए नहीं जाते हैं। इससे गांवों में गंदगी फैली है। बारिश में गंदगी से संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। एक तरफ सरकार स्वच्छता को एक मकसद बना लिया है वही ऐसे सफाईकर्मी इनके इरादों को धक्का पहुँचा रहे है। सफाइकार्य में सफाईकर्मियों पर सरकार द्वारा वेतन मद में अरबो रुपये खर्च कर रही है।
वही यह सफाईकर्मी सफीक प्रति निष्क्रियता को प्रदर्शित कर रहे है। आज जहां किसी भी गांव में कमोबेश गंदगी ही पहचान बनती जा रही है। बेलहरकलां ब्लॉक के अमूमन हर ग्रामपंचायत में गंदगी का आलम दिखता रहता है। इसीक्रम में बेलहरकलां ब्लॉक के ग्रामपंचायत भगौसा में स्थित पुरवा देवरिया में आईटीआई के खड़ंजे पर गंदगी और झाड़झंखाड़ से चलना दूभर हो गया है। इस बाबत ग्रामीण त्रिजुगी, चुन्नीलाल, रमाकांत, फूलचंद्र, केशव, महेंद्र, राजकुमार आदि ग्रामीणो का कहना है कि खड़ंजा मार्ग पर उगे झाड़झंखाड़ से जहरीले कीड़े व सर्प आदि का भय बना रहता है।
इसके साथ ही ग्रामपंचायत में नालियों का भी बुरा हाल है। ऐसे ही एक बार बभनी ग्राम में प्राथमिक विद्यालय के मार्ग पर झाड़झंखाड़ से युक्त रास्ते पर गुजर रहे एक बच्चे को सर्प ने काट लिया था और जिससे बच्चे की मृत्यु हो गई थी। जिसपर एडीओ पंचायत ने सफाईकर्मी को निलंबित कर दिया था। इन सभी ग्रामीणो की मांग यह है कि ग्रामपंचायत में नियुक्त सफाईकर्मी पर कार्यवाही किया जाए।
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