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बूधा नदी के सूखने से मर रहे जलीय जीवजंतु



बनारसी चौधरी
बेलहर, संतकबीरनगर। आज के इस भीषण गर्मी में आम जनमानस ही नही पशु पक्षी, जीव जंतु भी परेशान है। आज के वर्तमान में नदिया भी सूखती जा रही है। जिससे इस गर्मी में यह कोढ़ का खाज हो गई है। इसी क्रम में बेलहर ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाली बूधा नदी वर्तमान में सूखी हुई है। जिससे नदी के जीव जंतु भी पानी ना मिलने से मर रहे है। गंगा नदी व छोटी छोटी नदियो के सफाई के नाम पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर दिए जाते है। उसके पश्चात भी बूधा नदी में एक बूँद भी पानी नहीं है। 
बेलहर विकास खन्ड के बूधा नदी में एक बूंद पानी देखने को वर्तमान में नहीं मिल रहा है। नदी के इतिहास के बारे में यहाँ के बुजुर्गों का कहना है कि सिद्धार्थ नगर के राप्ती नदी से पथरा ताल होकर बॉसी बस्ती मार्ग महोखवा समय माता मंदिर के किनारे से पूरब होकर व खेसरहा से होते हुए संतकबीरनगर के बेलहरकलां ब्लॉक के राजघाट बाबा मोहकम दास मन्दिर से गुजरते हुए तिमोहनी घाट पर आमी नदी व बूधा नदी का संगम होता है। ऐसे ऐतिहासिक नदी आपस में मिलने के बावजूद भी क्षेत्र वासियों का कहना है कि एक बूंद भी पानी नदी में नहीं है। ऐसे में सरकार द्वारा कई करोड़ों रुपये गंगा सफाई के नाम पर खर्च किए जा रहे है वही लेकिन सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर से चलकर गोरखपुर को जाने वाली बूधा नदी में आज कूड़े करकट के अलावा एक बूंद भी पानी नहीं है। जिससे शासन की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है और इस बाबत प्रशासन भी आंखें मूंदे हुए बैठा हुआ है। नदी में पानी न होने से पशु पक्षिया भी पानी को तरस रही हैं और जलीय जीव जंतु भी मर जा रही हैं। इस नदी पानी में ना होने के कारण भूगर्भ जल के लगातार दोहन से जलस्तर नीचे जा रहा है। इस नदी क्षेत्र  में आने वाले गांव कटया, मदरहावा, पवरिहा  अकलोहना,अवरहिया मंझरिया, सुरसा चमन जोत, जंगल दशहर,बूढ़ी बेलहर, कुशहरा, दुर्गजोत आती है। ग्रामीणों की समस्याओं को जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं और आज भी नदी सूखी पड़ी हुई है।

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