टेंट उखड़वा ले जाने का आरोप, दहशत में परिवार
मोहम्मद इरफान
करनैलगंज, गोण्डा। स्थानीय तहसील के सामने 24 दिनों से एक परिवार का शांति पूर्ण धरना चल रहा था। शुक्रवार की देर शाम तहसीलदार पर्याप्त पुलिस बल के साथ पहुंचे और धरने पर बैठे व्यक्ति को पुलिस की हिरासत में भेजते हुए टेंट आदि उखड़वा ले गये। तहसीलदार की यह तानाशाही क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के ग्राम चंगेरिया निवासी हबीब अहमद सहित उसके भाइयों के नाम दर्ज भूमि को पहले गांव के ही दबंगों ने जबरन कब्जा कर लिया। बीते 24 मई को उसके घर पर चढ़ाई करके मारपीट करते हुये पूरे परिवार को घर में ही जिंदा जलाने का प्रयास किया। पुलिस की मदद से उसके परिवार की जान बची, फिर भी पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया। न्याय न मिलता देख पीड़ित परिवार ने तहसील के सामने धरना शुरू कर दिया।
उसके बाद दबाव में आकर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। पीड़ित परिवार के शहजाद ने बताया कि खेत खाली कराने का आश्वासन देने के बाद तहसीलदार मुकर गये। शुक्रवार की देर शाम हबीब अहमद धरने पर बैठे थे। वहीं परिवार के अन्य सदस्य भोजन करने गये थे। उसी बीच तहसीलदार भारी संख्या में पुलिस बल के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और बल पूर्वक टेंट उखड़वाकर हबीब अहमद को पुलिस कस्टडी में कोतवाली भेज दिए जिससे खुले आसमान के नीचे धूप में पूरा परिवार धरने पर बैठने के लिये विवश है।
भारतीय किसान यूनियन गरीब एकता के प्रदेश अध्यक्ष ने एसडीएम व डीएम को ज्ञापन देकर खुली चुनौती देते हुए मांग किया है कि शनिवार की शाम तक हबीब अहमद को पुलिस हिरासत से मुक्त किया जाय। उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करते हुये उसके नाम दर्ज कागजात भूमि पर कब्जा दिलाया जाय। यदि तीन दिवस के अंदर मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वृहद पैमाने पर आंदोलन छेड़ा जायेगा जिसमें तहसील गेट बन्दी व गोंडा लखनऊ मार्ग जाम करना भी शामिल होगा। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
किसान क्रांति यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि हबीब अहमद उनके यूनियन के सदस्य हैं। पुलिस व प्रशासन द्वारा धरना स्थल से जबरन उठा ले जाना व टेंट उजाड़कर गायब कर देना लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने बताया कि प्रभारी कोतवाल व तहसीलदार ने कहा है कि उनके द्वारा हबीब अहमद को धरना स्थल से बल पूर्वक नहीं उठाया गया है। इस घटना की उन्हें न तो जानकारी है और न ही हबीब अहमद कोतवाली लाये गये हैं। जब कि हबीब अहमद को जबरन कोतवाली में बैठाये रखा गया है। उसे न छोड़ने व न्याय न दिलाने की दशा में उन्होंने भी आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
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