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गरीबों की पुत्रियों के विवाह कराने में कल्याणकारी सिद्ध हो रही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना


अखिलेश्वर तिवारी 
बलरामपुर ।।  उत्तर प्रदेश में खेतिहर मजदूर, किसान, कारीगर, कुटीर उद्योगों एवं पैतृक उद्यम से जुड़े विभिन्न जाति, धर्म, संस्कृति व समुदाय के लोग रहते हैं। उत्तर प्रदेश में निवास करने वाले इन सभी लोगों का नैतिक,सामाजिक उत्तरदायित्व होता है कि वे अपने विवाह योग्य पुत्र.पुत्रियों का विवाह कर उन्हें सामाजिकता के दायरे में लायें। आर्थिक रूप से सम्पन्न व्यक्ति अपना आवास, बच्चों की शिक्षा और विवाह के लिए आवश्यक धन एकत्र कर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए पहले से ही तैयारी कर लेते हैं ।

 किन्तु गरीब, खेतिहर मजदूर, निःसहाय व अल्प.आय वाले व्यक्ति जिन्हें प्रतिदिन दैनिक मजदूरी कर भोजन और दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाई होती हैं। उन्हें अपने पुत्र.पुत्री के विवाह हेतु धन एकत्रित करना बड़ा कठिन है। ऐसे निम्न आय वर्ग के लोगो की बालिग पुत्रियों के विवाह में आने वाली समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का शुभारम्भ किया है जिसके द्वार पात्र सभी वर्गों के गरीबों, मजदूरों तथा  अल्प आय वाले व्यक्तियों के लिए खुले हैं। इस योजना के तहत प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की बेटियों के हाथ पीले करने का बड़ा ही कल्याणकारी कार्य किया जा रहा है।

                 
सूचना कार्यालय  द्वारा जारी  प्रेस रिलीज के अनुसार उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना राज्य सरकार द्वारा समाज मे सर्वधर्म सम्भाव तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए संचालित है । इस योजना के अन्तर्गत विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति.रिवाज के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाता है। इस योजना का उद्देश्य है कि विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन एवं अपव्यय को भी समाप्त किया जाये।
                 
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत दो लाख वार्षिक आय सीमा के अन्तर्गत आने वाले परिवारों की बालिग पुत्रियों के विवाह हेतु योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। सभी वर्गों के जरूरतमंद, निराश्रित परिवारों की कन्याओं के विवाह हेतु सामूहिक आयोजन किया जाता है। इस योजना के तहत विधवा, परित्यक्ता व तलाकशुदा महिलाओं के विवाह की भी व्यवस्था है। इस योजना के अन्तर्गत नव विवाहित दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना हेतु कन्या के खाते में 35 हजार रूपये की धनराशि का अनुदान एवं विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री यथा. कपड़े, बिछियाए पायलए बर्तन हेतु 10 हजार रूपये की धनराशि से क्रय करते हुए प्रदान किया जाता है । इसके अलावा प्रत्येक जोड़े के विवाह आयोजन पर 06 हजार की धनराशि व्यय किये जाने की व्यवस्था है। इस प्रकार इस योजना के अन्तर्गत एक जोड़े के विवाह पर कुल 51 हजार रूपये की धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान  किया जाता है।
                
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत नगरीय निकाय, नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, नगर निगमद्ध क्षेत्र पंचायतए जिला पंचायत स्तर पर पंजीकरण  कराये जाने की व्यवस्था की गई है और कम से कम 10 जोड़ों के विवाह पर सामूहिक विवाह आयोजित कराने की व्यवस्था की जाती है। इस योजना के तहत सामूहिक विवाह योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकरण कराने में बहुत ही सरलीकरण कर दिया गया है । ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान, ब्लाक पर खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी, समाज कल्याण तथा नगरीय निकाय पार्षद, अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत में नगर पालिका व जोनल अधिकारी से मिलकर सामूहिक विवाह हेतु पंजीकरण कराया जा सकता है। 

सभी वर्गों के गरीब, जरूरतमंद व निराश्रित परिवार के लोग अपनी कन्या के विवाह हेतु पात्र व्यक्ति पंजीकरण कराकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की यह बहुत ही कल्याणकारी व महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के लागू होने से सभी धर्मों व वर्गों के लोगो की पुत्रियों की शादी हो रही है। प्रदेश की इस योजना का क्रियान्वयन समाज कल्याण विभाग द्वारा विवाहित जोड़ों को आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित कराते हुए विधिवत व्यवस्था के साथ सम्पन्न कराया जाता है। प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के तहत माह मई 2019 तक कुल 56897 जोड़ो का विवाह सम्पन्न कराया जा चुका है ।

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