आलोक बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। मेंहदावल तहसील के लेखपालों के कारनामो से आये दिन चर्चा में बना रहता है। जिससे तहसील प्रशासन की भी छवि को धक्का लग रहा है। बीते दिन एक लेखपाल के द्वारा फर्जी वरासत का मामला चर्चा में था ही कि आज एक और मामला फर्जी वरासत करने का शिकायत पत्र दिया गया।
बताते चले कि आज तहसील समाधान दिवस के अवसर पर पीड़ित रामदत्त पुत्र धर्मराज निवासी ग्राम जोरवा तहसील मेंहदावल ने अपने जीवित होने के साथ ही जमीन के फर्जी वरासत का मामला उपजिलाधिकारी के समक्ष लाकर न्याय की मांग किया गया। जिसमे बताया गया कि मुझ प्रार्थी का जमीन बैरिहवाँ तप्पा मेंहदावल में गाटा संख्या 185मि./4/0.2020हे0स्थित है। जिसमे प्रार्थी ने 2 विस्सा जमीन जरिये बैनामा 2010 में खरीदा गया था। प्रार्थी का नाम उक्त आराजी के मेन कालम में अंकित है। साथ ही प्रार्थी अभी तक जिंदा है। उसके बाद भी लेखपाल और राजस्व निरीक्षक के साथ मिलकर रामसजन, रामदयाल और उनकी माता कुंती देवी द्वारा अवैध रूप से जमीन के हड़पने की नीयत से प0क0 11 के जरिये 11 मार्च 2014 को बैनामा करवा लिया गया है। प्रार्थी अपने भूमिधरी आराजी पर काबिज है। प्रार्थी को खतौनी के निकालने के पश्चात इस फर्जी वरासत की जानकारी मिल पाई। जिसके पश्चात मुझे प्रशासन से न्याय की दिलवाई जाए और दोषियों पर कार्यवाही करते हुए पुनः गाटा संख्या 185मि.पर हम प्रार्थी के नाम को दर्ज करवाया जाए
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