अखिलेश्वर तिवारी
अन्तर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर विशेष
बलरामपुर।। आपदा को रोका नहीं जा सकता लेकिन उसके दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है। इसी लिए आपदा प्रबंधन से अधिक आपदा न्यूनीकरण की बात की जाती है। आपदा से होने वाले दुष्प्रभावों को पूर्व तैयारियों से कम किया जा सकता है। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार काफी गंभीर है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इसके लिए लगातार योजनाएं बना रहा है। जिसे राज्य सरकार की संस्तुति के बाद प्रदेश भर में लागू किया जा रहा है। अभी तक आपदा राहत की बात होती थी लेकिन बदली परिस्थितियों में आपदा प्रबंधन व आपदा न्यूनीकरण पर जोर दिया जा रहा है। अपने जिले में भी इस हेतु कार्य प्रगति पर है। जिले में आने वाले आपदाओं के प्रभावों को कम करने के लिए कई विभाग जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश के नेतृत्व में एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। आपदा के प्रभावों को जानकारियों के प्रचार प्रसार से कम किया जा सकता है। जानकारियों के प्रसार के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिसके तहत कई स्तरों पर प्रशिक्षण की योजना है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में आपदा से जुड़े विभागों के प्रतिनिधियों की ट्रेनिंग कराई गई है। जिले के 180 लेखपालों के छह बैच बनाकर गोण्डा में फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 24 अक्तूबर तक चलेगा। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक 16 अक्तूबर को आयोजित की जानी है। जिसमें भविष्य में जिले में होने वाले आपदा प्रबंधन से सम्बंधित कार्यों की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
बाढ़ संवेदनशील ग्रामों के युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
अपर जिलाधिकारी अरूण कुमार शुक्ल ने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की ओर से बाढ़ प्रभावित गांवों में बाढ़ की समस्या के दृष्टिगत फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में गांव के 30-30 नवयुवकों व व्यक्तियों को बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य का प्रशिक्षण दिया जाना है, जिसके लिए एसडीआरएफ को सूचना भेजी गई है। बलरामपुर के 91, उतरौला के 56 व तुलसीपुर के 32 गांवों (जिले के कुल 179 गांव) की सूची व अन्य जानकारियां एसडीआरएफ को भेजी गई है। जल्द ही इन गांवों के नवयुवकों को एसडीआरएफ द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
आपदा के मामलों में बेहद संवेदनशील है सरकार
आपदा प्रबंधन सलाहकार सचिन मदान ने बताया कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन व आपदा राहत को लेकर काफी संवेदनशील है। विभिन्न आपदाओं से निपटने के लिए जनमानस की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। छोटी सी जानकारी आपदा के समय किसी की जान बचा सकती है। इन्हीं जानकारियों से लोगों को रूबरू कराना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। जिसके लिए विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
बाढ़ में क्षतिग्रस्त सड़कों के लिए भेजा प्रस्तावः जिलाधिकारी
जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आपदा न्यूनीकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। आपदा पीड़ितों के प्रति बेहद संवेदनशील रहकर कार्यवाही करने के लिए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों व पुलों के पुनर्निर्माण व मरम्मत के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। बजट आते ही कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। जिले में आपेक्षित आपदाओं के प्रभावों को कम करने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है।
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