Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

फाइलेरिया : सर्द रात में स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों ने किया नाइट ब्‍लड सर्वे


■ पहले दिन 8 स्‍थानों से तकरीबन 600 लोगों के लिए गए रक्‍त के नमूने
■ लाए गए सैम्पल  की जांच में जुटी लैब टेक्निीशियन की टीम

आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। फाइलेरिया उन्‍मूलन अभियान के दौरान दी जाने वाली दवाओं का असर जानने के लिए नाइट ब्‍लड सर्वे के काम में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम जुटी है । पहले दिन सर्द रात में 8 साइटों से तकरीबन 600 लोगों के रक्‍त के नमूने लिए गए।
 सीएमओ डॉ हरगोविन्‍द सिंह के निर्देशन तथा जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह के नेतृत्‍व में जिले की 4 रैण्‍डम साइट्स अरबन मगहर का काजीपुर रेहरवा, बघौली का ढोड़या, सेमरियांवा का मदारपुर तथा सांथा के लोहरसन और 4 सेण्‍टीनल साइट्स  हैसर के बड़गो, नाथनगर के कालीजगदीशपुर, खलीलाबाद के कांशीराम तथा मेहदावल के बढ़या ठाठर पर फाइलेरिया का नाइट ब्‍लड सर्वे का काम मंगलवार की रात्रि 8 बजे से शुरु हुआ और देर रात 12 बजे तक चलता रहा। इस दौरान 8 स्‍थानों पर तकरीबन 600 लोगों के नाइट ब्‍लड की स्‍लाइड बनाई गई। स्‍लाइडों को एकत्रित करने के पश्‍चात सुबह से ही लैब टेक्‍नीशियनों की टीमें इसकी जांच में लगी रहीं और देर शाम तक स्‍लाइडों की माइक्रो‍स्‍कोपिक टेस्टिंग जारी रही। गुरुवार की रात्रि में एक बार फिर इन साइट्स पर सेम्‍पल लिए जाएंगे। हर साइट से 500 स्‍लाइड के हिसाब से पूरे जिले में 600 स्‍लाइड बनाई जानी है।

दो साइट्स की आंखों देखी

● सेण्‍टीनल साइट कांशीराम आवास – रात्रि 9.40 बजे
कांशीराम आवासीय एरिया में स्थित अरबन हेल्‍थ सेण्‍टर में बेसिक हेल्थ वर्कर  कौशल कुमार लैब टेक्‍नीशियन दिनेश चौधरी व शिवनन्‍दन लोगों की जांच में लगे थे। एक – एक करके लोग आ रहे थे। उन्‍हें वहां की आशा पूनम देवी बुला रही थीं और फाइलेरिया की भयावहता की जानकारी दे रही थीं। बच्‍चों की भीड़ अधिक थी। 13 साल का ऋषि जिसने खुद जांच करवाई थी वह भी अलाव पर बैठे लोगों को प्रेरित कर रहा था कि ‘‘जा चाचा जंचिया करवाई ला, नाई ते गोड़वा हाथी जईसन हो जाई।’’ इसके बाद वहां पर बैठे अब्‍दुल कादिर अपनी 8 साल की बेटी शबनम और बेटे ताहिर को भी लेकर जांच करवाने के लिए पहुंच ही गए। अभी तक यहां पर 47 लोगों की जांच हो चुकी ।

● रैण्‍डम साइट रेहरवा – रात्रि 10.35 बजे
अरबन हेल्‍थ सेण्‍टर मगहर की साइट काजीपुर रेहरवा में बेसिक हेल्‍थ वर्कर दिग्विजयनाथ, लैब टेक्‍नीशियन अरविन्‍द मिश्र और दिनेश गिरी ने काजीपुर मे डीहबाबा के स्‍थान पर स्थित मुन्‍नर भारती के बरामदे में अपनी लैब स्‍थापित की थी। यहां पर लोगों की भीड़ लगी थी और इनकी टीम ने 52 नाइट ब्‍लड स्‍लाइड तैयार कर ली थी। दिग्विजयनाथ खुद ही  रात में दरवाजा खटखटाकर लोगों को बुलाकर जांच के लिए ला रहे थे। रात्रि 12 बजे तक लोगों की जांच के बाद आधा घण्‍टा तो उन्‍हें स्‍लाइडों को सुखाने में ही लग गया।

अभियान के दौरान स्लाइड सुखाना चुनौतीपूर्ण
 अभियान में लगे लैब टेकेनिशियंस के सामने सबसे बड़ी दुश्‍वारी नाइट ब्‍लड सर्वे के दौरान बनाई जाने वाली स्‍लाइडों को सुखाने की थीं। मौसम सर्द होने के चलते सूखने में काफी समस्‍या हो रही थी। स्‍लाइड  एकत्र करने के बाद उनको सुखाने के लिए रात्रि 12 बजे के बाद भी टेक्‍नीशियनों को स्‍लाइड  सूखने के लिए घण्‍टों इन्‍तजार करना पड़ा। इसे किसी कृत्रिम लाइट में भी सुखाया नहीं जा सकता था। क्‍योंकि इससे परिणाम बेहतर नहीं आते।

लाइलाज और घातक है फाइलेरिया
एपीडेमियोलाजिस्‍ट मुबारक अली बताते हैं कि फाइलेरिया के कृमि जिस व्‍यक्ति के शरीर में होते हैं वे सुप्‍तावस्‍था में 10 साल तक पड़े रहते हैं। जब ये सक्रिय होते हैं तो हाथीपांव, सूजन  जैसे रोगों को जन्‍म देते हैं। यह कभी भी ठीक नहीं होता है। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दी जाने वाली दवा अगर कोई भी व्‍यक्ति 5 साल तक खा लेता है तो उसके अन्‍दर से ये कृमि समाप्‍त हो जाते हैं।

26 प्रतिशत लोगो मे मिले थे फाइलेरिया कृमि
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह बताते हैं कि पिछली बार किए गए नाइट ब्‍लड सर्वे के दौरान 26 प्रतिशत लोगों के बीच फाइलेरिया के कृमि पाए गए थे। जब तक यह दर  10 से नीचे नहीं आती है तब तक फाइलेरिया उन्‍मूलन अभियान निरन्‍तर चलता रहेगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Below Post Ad

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे