अखिलेश्वर तिवारी
6 माह से 2 साल के बच्चों को पोषणयुक्त पौष्टिक आहार देने पर होगा जोर
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने शासन के निर्देश पर तैयार की कार्ययोजना
बलरामपुर ।। जिस तरह 6 माह तक के बच्चों के लिए स्तनपान अति महत्वपूर्ण है ठीक उसी प्रकार कुपोषण दूर करने के लिए 6 माह से 2 साल के बच्चों के लिए स्तनपान के साथ साथ ऊपरी आहार बेहद जरूरी है। लोगों के जागरूक ना होने, जानकारी व समय के अभाव और प्रचलित मान्यताओं के कारण प्रदेश में मात्र 5.9 प्रतिशत बच्चों को ही सही समय पर, सही मात्रा में, सही आहार मिल पाता है।
प्रदेश के अति पिछड़े जिलों में शामिल इस जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए ऊपरी आहार को बढ़ाना देने हेतु शासनादेश जारी किया गया है। बलरामपुर सहित सूबे के पांच जिलों को जारी शासनादेश में राज्य पोषण मिशन की महानिदेशक मोनिका एस गर्ग ने कहा है ऊपरी आहार को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक माह की 20 तारीख को अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया जाता है। आकांक्षी जिले में ऊपरी आहार का एक मानक है जिस पर जिले का आंकलन किया जाता हैं। इन जिलों में बाल सुपोषण उत्सव भी मनाने के निर्देश दिये गये हैं जो 5 तारीख को आयोजित होने वाले बचपन दिवस, 10 तारीख को ग्रामीण सुपोषण दिवस, 20 तारीख को अन्नप्राशन दिवस और 25 तारीख को लाडली दिवस के दौरान मनाया जा रहा है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का होगा क्षमतावर्धन
शासनादेश में कहा गया है ऊपरी आहार को बढ़ावा देने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमतावर्धन के साथ उनको व्यवहारिक ज्ञान, ऊपरी आहार की विधि दर्शाने का कौशल और केन्द्रों पर आयोजित होने वाली सामुदायिक बैठकों को गुणवत्तापरक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे केन्द्रों पर तैनात आंगनबाड़ी कार्यकत्री सभी जानकारी से परिपूर्ण रहे।
ऊपरी आहार की कार्ययोजना तैयार
डीपीओ के.एम. पाण्डेय ने शुक्रवार को बैठक के दौरान बताया बच्चे के परिवार व उनकी माताओं को ऊपरी आहार का महत्व समझाने के लिए आईसीडीएस विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। सीडीओ द्वारा पूर्व में आयोजित बैठक के दौरान सभी सीडीपीओ से कार्ययोजना मांगी गई थी, सीडीओ अमनदीप डुली के निर्देश पर सीडीपीओ गैसड़ी गरिमा श्रीवास्तव द्वारा तैयार कार्ययोजना को पूरे जिले मे ंलागू कर दिया गया है।
कार्यक्रम की बिंदुवार तैयार होगी रिपोर्ट
जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बाल सुपोषण दिवस के साथ आयोजित होने वाले बचपन दिवस, ग्रामीण सुपोषण दिवस, अन्नप्राशन दिवस और लाडली दिवस में 6 माह से 2 साल तक के बच्चों की माताओं को उनके बच्चों के साथ बुलाया जाएगा जिसमें माताओं के बच्चों के खिलाने के लिए आहार भी लेकर आना होगा। इस दौरान सभी माताएं आहार को एक दूसरे से बांटकर बच्चों को खिलाएंगी। इस दौरान माताओं के भोजन कराने की विधि, कार्य व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा और उन्हे सही ऊपरी आहार खिलाने की विधि बताई जाएगी। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा 7 बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी, साथ ही मुख्य सेविका द्वारा क्षेत्र की एक आंगनबाड़ी केन्द्र का गुणवत्तापरक एवं सहयोगात्मक पर्यवेक्षक किया जाएगा। पर्यवेक्षण के दौरान मुख्य सेविका द्वारा सत्र की 3 अंकों की ग्रेडिंग की जाएगी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा गृह भ्रमण के दौरान अन्नप्राशन दिवस के दिन मौजूद बच्चों व एक कुपोषित बच्चे के घर पर जाकर ऊपरी आहार के बारे में बताया जाएगा। इस दौरान उनके द्वारा सही स्थिति का आंकलन व मूल्यांकन करने के साथ सही जानकारी देने के लिए पांच टूल्स का प्रयोग किया जाएगा। इस पूरी कार्ययोजना के दौरान स्वास्थ्य, पंचायत व शिक्षा विभाग के साथ साथ स्वयं सहायता समूह व पोषण सखी की मदद भी ली जाएगी।
कार्यक्रम के निरीक्षण के लिए लगी टीम
बच्चों के परिवारों को ऊपरी आहार की सही जानकारी मिले इसके लिए जिला एवं ब्लाक स्तर पर डीपीओ, सीडीपीओ, एमओआईसी, बीडीओ, बीईओ, डीसी ईसीडी यूनिसेफ, डीएनएस टीएसयू व पिरामल के बीटीओ दिवसों की माॅनिटरिंग करेंगें।


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