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अवैध कच्ची शराब का हब बना मोतीगंज थाना क्षेत्र का ललकी पुरवा गांव

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कहोबा पुलिस चौकी क्षेत्र में भी नहीं रूक रहा जहरीली शराब का धंधा
इलाकाई पुलिस की सरपरस्ती में चलता है 'कच्ची' का कारोबार
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत बनकटी सूर्यबली सिंह के ललकी पुरवा गांव सहित इलाके के करीब दर्जनभर गांवों में अवैध कच्ची जहरीली शराब का कारोबार इलाकाई पुलिस और आबकारी विभाग की साठगांठ से गोरखधंधे का रूप ले चुका है। इस क्षेत्र में आने वाले करीब दर्जनभर गांवों में खुलेआम जहरीली शराब की भट्ठियां धधकती हैं। बताते हैं कि इसके एवज में पुलिस तथा आबकारी विभाग द्वारा कारोबारियों से प्रतिमाह एक निश्चित रकम वसूल की जाती है। महज कुछ रूपयों के लालच में ये खाकी वर्दीधारी गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। 
      जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र के हल्का नंबर दो का ललकी पुरवा गांव अवैध कच्ची जहरीली शराब के लिए कुख्यात है। यहां जैसे जैसे दिन गुजरता है, वैसे वैसे शराब की मण्डी गुलजार होने लगती है। शाम होते ही घरों, गन्ने के खेतों तथा झाड़ झंखाड़ में शराबियों का मेला लग जाता है। बताते हैं कि पुलिस और आबकारी विभाग के संरक्षण में जहरीली शराब का धंधा परवान चढ़ा हुआ है। इस इलाके में दर्जनभर से अधिक गांव ऐसे हैं, जहां खुलेआम गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जाता है। कच्ची शराब पीकर आए दिन लोग असमय ही जान गंवा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद खाकी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। बताया जाता है कि ललकी पुरवा तथा अन्य गांवों में जब भी छापा मारने का प्लान बनता है, तो पुलिस द्वारा इसकी सूचना शराब के धंधेबाजों को पहले ही दे दी जाती है, जिससे वे सावधान हो जाते हैं। थानाध्यक्ष जब फोर्स के साथ गांवों में शराब कारोबारियों के यहां छापा मारते हैं तो उनके हाथ कुछ भी नहीं लगता है और उन्हें छापेमारी की कागजी कार्रवाई कर बैरंग वापस होना पड़ता है। शराब के इस अवैध धंधे में पुलिस की मिलीभगत इस बात से भी उजागर होती है कि जब पुलिस टीम गांवों में छापा मारने पहुंचती है तो उसे मौके पर कोई शराब कारोबारी क्यों नहीं मिलता है जबकि पुलिस धधकती भट्ठियां तथा शराब बनाने के अन्य उपकरण व सामग्री बरामद करती है।


नेपाल तक जाती है ललकी पुरवा की दारू
मोतीगंज थाना क्षेत्र का ललकी पुरवा और रामनगर बाजार अवैध कच्ची शराब के लिए कुख्यात रहा है। बताते हैं कि यहां की शराब पड़ोसी देश नेपाल तक भेजी जाती है। इसके अलावा बलरामपुर, बस्ती, फैजाबाद, अम्बेडकर नगर और महराजगंज जैसे जिलों में भी शराब माफियाओं के तार जुड़े हुए हैं। इन जनपदों में बाइक या लग्जरी गाड़ियों से कच्ची शराब की सप्लाई की जाती है। बताते चलें कि ललकी पुरवा में ही शराब एक्टिविस्ट मोहिनी आज़ाद का घर है। वे बडे़ पैमाने पर कच्ची के खिलाफ अभियान चलाती हैं लेकिन शराब माफियाओं से इलाकाई पुलिस की साठगांठ के चलते अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती है। इलाकाई पुलिस शराब के धंधेबाजों से मोटी रकम वसूल कर मालामाल हो रही है और शराब के आदी गरीब तबके के मजदूरी पेशा लोग कंगाल होने के साथ ही असमय ही काल के गाल में समा रहे हैं। ललकी पुरवा की कुछ महिलाओं ने बताया कि गांव में अवैध कच्ची शराब बनाने और बेचने की सूचना कई बार मोतीगंज पुलिस को दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। महिलाओं ने बताया कि थानाध्यक्ष द्वारा ललकी पुरवा में शराब का धंधा करने वालों के खिलाफ कार्यवाही तो नहीं की गयी, अलबत्ता शिकायत से तंग आकर उन मोबाइल नंबरों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया, जिनसे फोन करके शिकायत की जाती थी। 

कहोबा चौकी क्षेत्र में भी चल रहा अवैध शराब का धंधा
इस थाने की कहोबा चौकी क्षेत्र में भी कच्ची शराब का धंधा परवान चढ़ रहा है। यहां भी इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों से पुलिस द्वारा प्रतिमाह मोटी रकम वसूली जाती है। चौकी क्षेत्र में कच्ची शराब के लिए कुख्यात दनौवा गांव में छोटे से अवरोध के बाद फिर भट्ठियां धधकने लगी हैं, जबकि इमिलिया नयी बस्ती गांव में शराब का कारोबार पुलिस बंद ही नहीं कराती है, क्योंकि यहां से उसकी मोटी आमदनी होती है। सूत्र बताते हैं कि इमिलिया नयी बस्ती गांव के साथ ही अन्य गांवों में शराब का धंधा हल्के में तैनात चर्चित हेड कांस्टेबल के संरक्षण में चलता है। बताया जाता है कि इसका खुलासा शराब के कारोबार में लिप्त उक्त गांव की एक महिला ने पिछले दिनों उस समय किया था, जब शिकायत मिलने पर थाने के प्रभारी निरीक्षक अटल बिहारी ठाकुर गांव में छापा मारने पहुंचे थे। महिला द्वारा किए गए इस सनसनीखेज खुलासे से प्रभारी निरीक्षक अवाक रह गये थे। उन्होंने आरोपी हेड कांस्टेबल पर नकेल लगाई तो वह छुट्टी पर चला गया। हालांकि इस बीच इंस्पेक्टर अटल बिहारी का छपिया थाने के लिए स्थानांतरण हो गया जिससे सिस्टम फिर पुराने ढर्रे पर आ गया। 

क्या कहती हैं शराब एक्टीविस्ट मोहिनी आजाद
अवैध कच्ची शराब के खिलाफ अभियान चलाने वाली रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित शराब एक्टीविस्ट मोहिनी आजाद ने बताया कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किए जा रहे कच्ची शराब के गोरखधंधे की शिकायत उन्होंने स्वयं की लेकिन स्थानीय पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि एसपी से शिकायत के बाद थाने की पुलिस आती तो है, लेकिन छापेमारी की रस्म अदायगी करके चलती बनती है, जिससे शराब कारोबारियों का हौंसला बढ़ा हुआ है और वे खुलेआम इस अवैध गोरखधंधे को परवान चढ़ा रहे हैं।
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