वासुदेव यादव
अयाेध्या। आगामी 17 फरवरी से श्रीराम नाम नाम आश्रम फटिक शिला मन्दिर में प्रारम्भ हाे रहे श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ में मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ के आने की सम्भावना जताई जा रही। आश्रम के महन्त सुकदेव दास महाराज ने गुरूवार काे मीडिया से मुखातिब होते हुए कहाकि कार्यक्रम में सम्मिलित हाेने के लिए मुख्यमंत्री काे आमंत्रण पत्र पहले ही दिया जा चुका है। उन्होंने महायज्ञ में शामिल होने की सहमति जतायी है। साथ ही कहा है कि वह उद्घाटन सत्र में नही, लेकिन कार्यक्रम के बीच में कभी आ सकते हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री काे 23 फरवरी में अयाेध्या आना है। वह सुग्रीवकिला के साकेतवासी महन्त स्वामी पुरूषाेत्तमाचार्य महाराज की प्रथम पुण्यतिथि में सम्मिलित हाेंगे। हाे सकता है याेगी इसी तारीख को सीतारामनाम जप महायज्ञ में भी शामिल हाें। महन्त ने कहाकि यह धार्मिक कार्यक्रम श्रीरामजन्मभूमि विवाद का निर्विवाद रूप से हल और फटिक शिला के संस्थापक महन्त तपस्वी नारायण दास महाराज की 103वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। कार्यक्रम का समापन 26 फरवरी काे हाेगा। सर्वप्रथम 16 फरवरी काे दाेपहार 2 बजे ध्वजा, पताका व सीतारामनाम संकीर्तन करते हुए एक विशाल शाेभायात्रा निकाली जायेगी। जाे हनुमानगढ़ी और अवध का दर्शन करते हुए पुन: फटिक शिला काे वापस लाैटेगी। इसके अगले दिन 17 फरवरी काे श्रीरामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महन्त नृत्यगाेपाल दास समेत अयाेध्या प्रमुख संत-महंत कार्यक्रम में सम्मिलित हाेंगे। इसी दिन प्रात:काल 9.30 बजे सीतारामनाम जप महायज्ञ प्रारम्भ हाेगा। धार्मिक कार्यक्रम की तैयारी द्रुतगामी गति से दिन-रात चल रही है, जिसमें लगभग 100 लाेग लगे हुए हैं। भक्ताें का आगमन भी शुक्रवार से शुरू हाे जायेगा। 15 फरवरी काे 4 हजार श्रद्धालु सदभावना ट्रेन द्वारा सीतामढ़ी से अयाेध्या आ रहे हैं। जाे कार्यक्रम में सम्मिलित हाेंगे। इस ट्रेन में भक्ताें के लिए 8 बाेगियां बुक हैं। उन्होंने कहाकि बगही सरकार का राममंदिर से गहरा सराेकार रहा है। वह चाहते थे कि श्रीरामजन्मभूमि का निर्विवाद रुप से पटाक्षेप हाे। अब चूंकि राममन्दिर का हल निर्वावाद रूप से हाे गया है। ताे इस उपलक्ष्य में यह धार्मिक अनुष्ठान किया जा रहा है। अयाेध्या सन्ताें और तपस्वियाें की स्थली है। यहां बगही सरकार ने सन् 1987 में अखण्ड सीतारामनाम संकीर्तन जप आरम्भ कराया। भगवन्नाम संकीर्तन के लिए उन्होंने अपने जीवन के क्षण-क्षण काे समर्पित कर दिया।
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