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कविता:कोरोना का संकट


कोरोना का संकट आ गया है।
सजग हो जाइए जीवन तेरा बहुमूल्य है ।।
करोना से बचाइए केवल करो सलाम, तुम हाथ ना मिलाइए  घर में रहो कैद, तुम बाहर न जाइए अगर कुछ करना है । तो स्वयं कर भीड़ ना लगाइए, कुछ दिन के लिए मेहमानो को घर पर न बुलाइए स्वयं रहो सतर्क तुम लोगों को समझाइए हिम्मत से लड़े जो सेवारत उनका हौसला बढ़ाइए अगर कुछ ना कर सके तो तुम ताली और घंटी बजाइए को रोना का रोना  खत्म होगा हिम्मत से  जूट जाइए दोहा ---आया संकट जाएगा मन में धर लो धीर दृढ़ संकल्प की शक्ति से हरेगा भगवन् पीर।

चंद्रभान सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता 
  कलेक्ट्रेट, प्रतापगढ़ , उत्तर प्रदेश |

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