पंकज कुमार सिंह
गोण्डा। मोतीगंज क्षेत्र के कुछ तथाकथित पत्रकार न सिर्फ थाने और चौकी की दलाली करके पत्रकारिता को शर्मसार कर रहे हैं बल्कि इलाके में हरे भरे पेड़ों की अवैध कटान में भी इनकी हिस्सेदारी तय है। ये पत्रकारिता का रौब दिखाकर ठेकेदारों से रूपये ऐंठते हैं। थाने पर सेटिंग कराने के नाम पर अलग से 100-200 झटक लेते हैं। आजकल एक ऐसी ही जोड़ी क्षेत्र में काफी चर्चा में है जो थाने से लेकर पुलिस चौकी तक दलाली का धंधा चलाती है।
मोतीगंज थाना क्षेत्र में की जा रही पेड़ों की अवैध कटान के संबंध में जब पत्रकारों द्वारा खबर प्रकाशित की जाती है तब पुलिस हरकत में आती है और पेड़ों की कटान बंद करा देती है लेकिन ये तथाकथित पत्रकार ठेकेदारों की पैरवी करते हैं और 100-200 रूपये लेकर हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों का सफाया कराने में अहम भूमिका अदा करते हैं। जो ठेकेदार इनसे संपर्क नहीं करते हैं, तब मौके पर पहुंचकर ये पेड़ कटाई की फोटो खींचते हैं और धमकी देते हैं कि अभी सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे। डर के मारे ठेकेदार इन्हें मैनेज करते हैं। बताते हैं कि ये तथाकथित पत्रकार थाने पर रहने तथा थानाध्यक्ष का करीबी होने का हवाला देकर अपनी धाक जमाने की कोशिश करते हैं।
ये लोगों, खासतौर से ठेकेदारों को बताते हैं कि बगैर इनकी सलाह के थानाध्यक्ष कुछ भी नहीं करते हैं। यहां तक कि कुछ भी करने से पहले इनसे सलाह जरूर लेते हैं। इतना ही नहीं, एक भौकाली दलाल ने तो यहां तक कह डाला कि जिस दिन वह थाने पर नहीं जाता है उस दिन थानाध्यक्ष उसे दिनभर में आठ दस बार फोन करते हैं। सूत्र बताते हैं कि इस भौकाल के झांसे में अक्सर लोग आ जाते हैं। इतना ही नहीं, एनसीआर से लेकर मुकदमा तक दर्ज कराने का ठेका ये तथाकथित पत्रकार लेते हैं। सुबह थाने पर पहुंचकर दोपहर दो से तीन बजे तक वहीं शिकार की तलाश में रहते हैं और इसके बाद कहोबा चौकी पर आकर कुर्सियां तोड़ना इनकी दिनचर्या में शामिल है। अपने कारनामों से आजकल यह जोड़ी क्षेत्र में काफी चर्चित है।
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