अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दो दर्जन महिलाओं को किया सम्मानित
शिवेश शुक्ला
प्रतापगढ | हमारे यहाॅ पुरातन काल से परम्परा है कि जहाॅ नारी का सम्मान होता है ,वहाॅ देवता वास करते है। पृथ्वी जैसी धैर्य क्षमता, सूर्य जैसा तेज, समुद्र जैसी गम्भीरता, चन्द्रमा जैसी शीतलता, पर्वतों जैसी मानसिक ऊँचाई हमें एक साथ नारी में देखने को मिलती है।उक्त बाते अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नगर के मीरा भवन स्थित लीला पैलेस में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतन्त्र देव सिंह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करने के उपरांत उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कही |उन्होने कहाकि गाँधी जी कहते है नारी पुरूष की गुलाम नही बल्कि सहधर्मिणी, मित्र, अर्धांगिनी (पत्नी) है।
मुंशी प्रेमचन्द्र ने कहा है कि स्त्री पुरूष से उतनी ही श्रेष्ठ है जितना प्रकाश अंधेरे से, प्रकृति ने पुरूष और नारी की संरचना अलग-अलग बनायी है। एक समय था कि जब पुरूष प्रधान समान में अपनी सुविधानुसार नारी को अबला बनाकर घर की चाहरदीवारी तक ही सीमित कर दिया था। महिलाएं समाज की मूल ईकाई है, वे एक परिवार बनाती है, और समाज बनता है और समाज से ही एक अच्छे देश का निर्माण होता है। इसलिए एक महिला का योगदान हर जगह जन्म लेने से लेकर पूरे जीवन निर्माण में होता है।श्री सिंह नें कहाकि एक प्रसिद्ध कहावत है कि यदि आप एक आदमी को शिक्षित करते है तो आप एक आदमी को शिक्षित करते है लेकिन यदि आप एक महिला को शिक्षित करते है तो आप एक पीढ़ी को शिक्षित करते है। लेकिन आज विकास के निरंतर तेज गति से बदलते दौर ने महिलाओं को प्रगतित का समान अवसर दिया है और उसमें भी महिलाओं ने अपनी प्रतिभा और लगन के बलबूते समाज के हर क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोडी है। आज के दौर में ऐसा कोई केस नही है जहाँ महिलाओं की सशक्त उपस्थिति न हो चाहे, राजनीति, प्रशासन, सेना, शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान, तकनीकि, उद्योग, व्यापार समाजसेवा आदि सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अपनी प्रतिभा और क्षमता के आधार पर अपनी राह खुद बनाई है। कई क्षेत्रों में कठिन स्पर्धा और चुनौतियां के बावजूद नारी शक्ति ने अपना मुकाम बनाया है।कहा जाता है कि यदि स्त्रियां प्रसन्न रहे तो सारा कुल प्रसन्न रहता है | नारी शक्ति, परिवार , सामज व राष्ट्र की प्रमुख धुरी होने के कारण हमारी सरकार ने भी आधी आबादी के लिए गम्भीर प्रयास कर रही है, बेटी बचाओं, बेटी पढ़ओं, तीन तलाक जैसी कुप्रथा की समाप्त कर मोदी सरकार नारी शक्तिकरण के लिए अभूतपूर्व कार्य कर रही है उत्तर प्रदेश में हमारी योगी सरकार ने भी इस बार बजट में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना,निश्राश्रित महिला पेंशन योजना तथा राष्ट्रीय पोषण अभियान, तथा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए कठोर कानून बनाये गये, मध्य प्रदेश में हमारी शिवराज सिंह चैहान द्वारा चलायी गयी लाड़ली लक्ष्मी योजना का पूरे देश में प्रसिद्धी मिली थी। इस मौके पर श्री सिंह ने विधायक सदर राजकुमार पाल एवं जिलाध्यक्ष हरिओंम मिश्र को एवं उनकी पूरी टीम के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहाकि इतनी कम समय में इतनी संख्या में मातृशक्ति को सम्मानित करने का अवसर प्रदान किया। कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए सदर विधायक राज कुमार पाल ने कहा कि नारी का सम्मान करो जो स्त्री का अपमान करता है। और जो भगवान का अपमान करता है उसका पतन निश्चित है। इस महिला दिवस के अवसर पर हम सभी संकल्प ले कि हम सभी अपनी बहन बेटियों को खुब पढ़ाऐंगे, लिखाऐंगे, काबिल बनाऐंगे। यहीं ईश्वरीय कार्य हम सभी को करना चाहिए। हमारी विधान सभा कि किसी मातृशक्ति, बहन एवं बिटिया को अगर किसी भी सरकारी योजना के लाभ पाने में शासन प्रशासन से सहयोग यदि किसी प्रकार की परेशानी हो तो उनकी सहायता के लिये हम सदैव तत्पर है | कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये जिलाध्यक्ष हरिओंम मिश्र ने सभी कार्यकर्ताओं को सदर विधायक राजकुमार पाल को महिला मोर्चा को समाज सेवी महिलाओं, स्वयं सहायता समूह संचालित करने वाली महिलाओं को धन्यवाद देते हुये कर्यक्रम समाप्ति की घोषणा की। कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों की लगभग दो दर्जन महिलाओं का सम्मानित किया |कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री यशोदा श्रीवास्तव ने किया | इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से नीलम हिंद, शिव प्रकाश मिश्र ’’सेनानी’’ जिला महामंत्री अशोक मिश्रा, पवन गौतम, उपाध्यक्ष राजेश मिश्र(राजन), सतीश चैरसिया, भूपेश त्रिपाठी, जिला मंत्री राम आसरे पाल अशोक सिंह, आशीष श्रीवास्तव, नितिन केशरवानी, राघवेन्द्र नाथ शुक्ल (जिमीप्र) जि.सं.आई0टी0 अभिषेक वैश्य, गिरधारी सिंह, अवधेश मिश्रा, हिमांशु सिंह, विक्रम सिंह, राजेन्द्र मौर्या, सुनील गोयल, पप्पन सिह, एवं जनपद की गणमान्य महिलाये उपस्थित रहे।
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