अधिवक्ता परिषद द्वारा शुरू हुई व्याख्यान माला
शिवेश शुक्ला
प्रतापगढ़। अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड द्वारा शुरू की गई "वी0के0एस0 चौधरी स्मृति व्याख्यान माला "का आरम्भ किया गया । जिसमें सूर्यभान पाण्डेय के द्वारा भारतीय न्यायिक परम्परा विषय पर सजीव प्रसारण में बहुत ही सरल शब्दों में प्रकाश डालते हुए कहाकि भारत की न्याय व्यवस्था प्राचीन काल से ही बहुत सुदृढ़ रही है। वेदों,निषद, उपनिषद, स्मृतियां,मीमांसा आदि में उनका वर्णन है और उन्हीं नियम से शासक भी बंधा होता था उलंघन पर उसे भी दंडित किया जाता, वह खुद अपने लिए भी कानून नही बना सकता था किन्तु उपनिवेशवादी सोच ने हमे उन सबसे अलग कर दिया है।भारतीय विधि व्यवस्था में लौकिक व परलौकिक न्याय पर भी बल दिया है।जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में न्याय व्यवस्था थी चाहें वह आपराधिक ,कर संग्रह व कॉमन लॉ ही क्यो न हो। प्राचीन विधि धर्म, व्यहवार, चरित्र व राज्य अनुशासन में बंटा हुआ था।चाणक्य नीति अत्यंत व्यहवारिक नीति है और इसे आज के समय में अपनाकर देश के विकास में बहुत फायदा होगा और भ्रष्टाचार से मुक्ति भी मिलेगी। मौजूदा विधि वह भारतीय नीति के विरुद्ध है इसमें नैतिकता का कोई स्थान नही है इस विधि से त्वरित न्याय सम्भव नही है। अंग्रेजों के बनाये कानून हमारे भारतीय समाज व परिवेश के अनुकूल नही है जिन्हें समाप्त कर नए कानून बनाये जाने आवश्यक है।संविधान के निर्माण के समय भी हमारे भारतीय मूल्यों व नैसर्गिक सिद्धांतो की अनदेखी की गई इसलिए आज उन भारतीय जीवन मूल्यों व प्राचीन ग्रंथों पर अध्ययन व शोध करने व उन्हें विधि के पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता है।अधिवक्ता परिषद् उ0प्र0प्रतापगढ़ इकाई अध्यक्ष महेश कुमार गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि अधिवक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर जिससे उनमें बौद्धिक गतिशीलता बनी रहे इसीलिए इस व्याख्यान माला को आयोजित किया जा रहा है। जिसमें नियमित रूप से विधि के नए नए विषयों पर देश के प्रतिष्ठित विधि के ज्ञाताओं से व्याख्यान कराये जा रहे है।
कार्यक्रम का संचालन प्रशांत शुक्ल एडवोकेट ने किया। सजीव प्रसारण में अध्यक्ष महेश कुमार गुप्ता,महामंत्री मनोज सिंह,श्रीमती किरण बाला सिंह,विजय शुक्ल,अभिषेक शर्मा,विनीत शुक्ल,शिशिर शुक्ल,शिवेश शुक्ल,बृजेश मिश्र,अलोक सिंह,रवि सिंह,अतुल सिंह,अनुराग मिश्र,आशीष मौर्य,आशीष गुप्ता,प्रशांत गुप्ता,राजाराम सरोज,रूप नारायण सरोज,संतोष मिश्र,प्रदीप पांडेयआदि अधिवक्ताओं की उपस्थित रही।
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