लाभार्थियों को संचारी रोगों के प्रति भी किया गया जागरुक
कोविड – 19 के बारे में भी सुझाए गए उपाय, 210 सत्र चले
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) की गतिविधियां अब पूरी तरह से सामान्य हो गई हैं। इस अवसर पर आने वाले लाभार्थी खुद ब खुद कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कर रहे हैं। वहीं वीएचएनडी सत्रों की जांच के में लगे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण लाभार्थियों को संचारी रोगों के प्रति जागरुक भी कर रहे हैं। उन्होने केन्द्रों पर जाकर लाभार्थियों को कोविड – 19 प्रोटोकॉल के साथ ही संचारी रोगो के प्रति जागरुक भी किया।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरगोविन्द सिंह ने बताया कि जिले में वीएचएनडी के दौरान महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण व अन्य चिकित्सकीय कार्य सम्पादित किए गए । साथ ही साथ संचारी रोग नियन्त्रण अभियान को देखते हुए वहां पर आने वाली महिलाओं को संचारी रोगों से बचने के उपाय भी सुझाए गए। जुलाई माह के पहले दिन आयोजित वीएचएनडी सत्र के दौरान केन्द्रों पर पर्यवेक्षण के लिए गए अधिकारियों ने भी संचारी रोगों से बचाव के बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि विविध केन्द्रों पर आयोजित होने वाले इस सत्र के प्रति महिलाओं के बीच अब जागरुकता आई है। वे वह खुद ही कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कर रही हैं। सहायक जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एके सिन्हा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान स्थगित वीएचएनडी की स्थिति अब पहले की तरह हो गई है। फ्रण्टलाइन वर्कर्स के द्वारा फैलाई गई जागरुकता के चलते वीएचएनडी सत्रों में बेहतर कार्य हुए। वहीं पर्यवेक्षण में लगे अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। सहायक जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के साथ ही उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ( यूपीटीएसयू ) , विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा यूनीसेफ के स्थानीय प्रतिनिधियों ने भी केन्द्रों पर जाकर वहां पर कोविड प्रोटोकॉल का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण किया। हर केन्द्र पर महिलाओं के लिए गोल घेरे के साथ ही पानी और साबुन से हाथ धुलने की व्यवस्था भी की गई थी। विशेष बात यह रही कि महिलाओं को गर्भनिरोधक इंजेक्शन व गोलियां भी सत्र के दौरान प्रदान की गई।
यह रखी गई सत्र के दौरान सावधानी
· महिलाओं की फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए गोल घेरे बनाए गए
· हाथ धुलने के बाद ही प्रतिभागियों को अन्दर भेजें।
· बिना मॉस्क लगाए किसी महिला का केन्द्र पर प्रवेश नहीं होगा।
· टाइम स्लाट बनाकर लाभार्थियों को केन्द्र पर बुलाया जाय।
· आशा, एएनएम आदि मास्क के साथ ही हाथों में ग्लब्स भी लगाएं।
क्या होता है वीएचएनडी
वीएचएनडी का आयोजन सप्ताह में दो बार बुधवार और शनिवार को स्वास्थ्य उपकेन्द्रों और कहीं-कहीं आंगनबाडी केन्द्रों पर भी किया जाता है। एएनएम, आशा व आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की भागीदारी से आयोजित होने वाले इस सत्र में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीके लगाकर प्रतिरक्षित किया जाता है।
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