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BALRAMPUR...उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व सम्पन्न



अखिलेश्वर तिवारी/अश्वनी गुप्ता
जनपद बलरामपुर के सभी क्षेत्रों में डाला छठ महापर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। महापर्व के अंतिम दिन की शुरुआत आज बड़ी संख्या में व्रतधारी महिलाएं और पुरुष सरोवर पर पहुंचकर उगते सूरज को अर्घ्य देकर अपने अपने व्रत का समापन कर रहे हैं । बलरामपुर चीनी मिल के दुर्गा मंदिर पर स्थित सरोवर, झारखण्डी सरोवर व तुलसीपुर चीनी मिल सहित देवीपाटन मंदिर के सरोवर में उगते सूरज को अर्घ देने के लिए बड़ी संख्या में ब्रतधारी महिला पुरुष पहुंचे हुए हैं । महापर्व को देखने तथा ब्रतधारी लोगों का उत्साहवर्धन करने के लिए उनके परिजन तथा आसपास के लोग भी कार्यक्रम स्थल पर मौजूद दिखाई दे रहे हैं । माना जा रहा है कि छठ महापर्व का व्रत करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है । धन धान्य की प्राप्ति होती है तथा पुत्र सहित सभी परिवार की सुरक्षा भगवान सूर्य तथा छठ माई करती हैं । छठ महापर्व का पूजन देखने मात्र से भी मनोकामना की पूर्ति होने की बात बताई जा रही है। शायद यही कारण है कि पूजन को देखने के लिए भी बड़ी संख्या में महिला पुरुष बच्चे तथा वृद्ध मौजूद रहते हैं । हालांकि कोरोना के कारण इस पर कार्यक्रम स्थलों का भेड़ कम दिखाई दी । कार्यक्रम आयोजन होने वाले सभी स्थानों पर कोरोना नियमों का अनुपालन होता नहीं दिख रहा है । व्रत रखने वाले हो या फिर देखने वाले कोई भी मास्क का प्रयोग करते दिखाई नहीं दे रहे हैं। कोरोना के कारण कार्यक्रम स्थल पर भीड़ तो कम दिखाई दे रही है, परंतु जो लोग भी हैं, नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इस प्रकार की लापरवाही आने वाले समय में खतरा उत्पन्न कर सकता है।


सूर्य उपासना छठ पर्व के अंतिम दिन व्रतधारी महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात् 36 घंटे के बाद महाव्रत का समापन किया। इस दौरान गया प्रसाद तालाब पर नवयुवक कमेटी नई बाजार द्वारा पोखरे पर पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए चना चाय हलवा और का वितरण किया गया। आस्था उपासना पवित्रता के साथ उदयाचल से निकलते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा के समापन पर व्रतधारी महिलाओं के मुख पर सन्तोष के भाव के साथ यही कामना की सभी का जीवन सुख शांति समृद्धि से परिपूर्ण रहे। नई बाजार स्तिथ गया प्रसाद तालाब, पुरानी बाजार के राम लीला पोखरा, चीनी मिल के नकटी नाला एवं देवी पाटन के सूर्य कुण्ड पर प्रातः चार बजे से ही महिलाएं घाटों पर पहुँच कर उगते सूर्य को अर्ध्य देने के लिए घाटों जल में खड़े रह कर दिन निकलने एवं सूर्य के किरण के निकलने की प्रतीक्षा के साथ मंगलगीत गाते हुए सन्तोष के भाव एवं सूर्य का अस्ताचल से बाहर निकाल कर सूर्य उदय होने पर जल एवं गाय के दूध से अर्ध्य देकर 36 घण्टे के निरा जल व्रत तथा 70 घंटे के महाब्रत को समाप्त किया। गया प्रसाद तालाब पर पहुँचने वाले श्रद्धालुओं के लिए, हलुआ, चना, चाय की विशेष व्यवस्था की गई थी जिसकी तरीफ सब कर रहे थे।

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