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BALRAMPUR...पत्रकार की मौत का खुलासा


अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में एक अखबार के पत्रकार तथा उसके साथी को जला कर मारने की चर्चित घटना का खुलासा आज बलरामपुर पुलिस ने कर दिया है । पत्रकार वार्ता करते हुए पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। घटना के पीछे का कारण रुपयों के लेन-देन तथा भ्रष्टाचार की खबर को लेकर बताया जा रहा है । पुलिस गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड पर लेकर आगे पूछताछ करने का प्रयास करेगी। घटना में 5 से 6 लोग शामिल थे जिन्होंने पत्रकार को उसी के घर में सैनिटाइजर बेस अल्कोहल के सहयोग से जलाकर मारने का प्रयास किया था ।


जानकारी के अनुसार बलरामपुर के कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम कलवारी में निवास कर रहे पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक के घर में 27 नवंबर की रात उसके साथ एक साथी के साथ कुछ लोगों ने आग लगा दी थी । गंभीर हालत में राकेश ने खबर को लेकर जलाकर मारने की बात भी संयुक्त जिला चिकित्सालय में बताई थी, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था । पुलिस ने अपनी जांच में पत्रकार द्वारा दिए गए बयान तथा सर्विलांस से मिले साक्ष्यों के आधार पर 2 दिनों के भीतर डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया कि पत्रकार तथा उसके साथी मिथिलेश उर्फ पिंटू जैस्वाल को जलाकर मारने की साजिश उसी गांव के ग्राम प्रधान के भाई केशवानंद मिश्रा उर्फ रिंकू कोतवाली नगर क्षेत्र के भगवती गंज निवासी ललित मिश्रा तथा अकरम उर्फ अब्दुल कादिर ने रची थी ।


खुलासे में बताया गया है कि कुछ महीने पूर्व मृतक मिथिलेश उर्फ पिंटू साहू ने अपनी गाड़ी ललित मिश्रा के हाथ बेची थी, जिसमें ढाई लाख रुपया बकाया था । उसी पैसे को मांगने के सिलसिले में कुछ दिन पूर्व विवाद भी हुआ था। विवाद की बात मृतक पत्रकार राकेश की पत्नी विभा सिंह ने भी बताई थी और अकरम तथा ललित पर शक भी जाहिर किया था । पिंटू साहू पत्रकार राकेश का मित्र था, जिसके कारण राकेश उसका सहयोग कर रहा था । दूसरी तरफ राकेश अपने ही ग्राम सभा में निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की खबर लिखने का प्रयास कर रहे थे, जिसकी जानकारी ग्राम प्रधान के भाई केशवानंद उर्फ रिंकू मिश्रा को मिली। हालांकि रिंकू मिश्रा और राकेश की मित्रता की बात भी बताई जा रही है । इन लोगों के बीच काफी नजदीकियां भी थी। रिंकू मिश्रा तथा ललित मिश्रा ने अपराधी प्रवृति के अकरम उर्फ अब्दुल कादिर के सहयोग से पिंटू तथा राकेश को रास्ते से हटाने की प्लानिंग की। यह बताना जरूरी है कि अब्दुल कादिर उर्फ अकरम जलाकर मारने के मामले में स्पेशलिस्ट बताया जा रहा है। इससे पहले भी उसने इस प्रकार की कई घटना को अंजाम दिया है, जिसके कारण जनपद श्रावस्ती के थाना इकौना में गैंगस्टर सहित कई धाराओं में अकरम के नाम मुकदमा पंजीकृत है । 


             पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया है कि 27 नवंबर की रात रिंकू मिश्रा ने पहले राकेश तथा पिंटू को शराब पिलाया । जब वह दोनों नशे में हो गए तब अपने अन्य सहयोगी ललित मिश्रा, अब्दुल कादिर उर्फ अकरम तथा अन्य दो से तीन सहयोगियों के साथ मिलकर एल्कोहल बेस्ड सेनीटाइजर के मदद से बेडरूम में आग लगा दी। जिस समय आग लगाई गई उस समय पिंटू तथा राकेश अलग-अलग बेड पर नशे में धुत लेटे हुए थे । इतना ही नहीं आग लगाने के बाद कमरे के बाहर से ताला लगाकर सभी आरोपी वहां से फरार हो गए। कमरे में आग से  झुलस कर मिथिलेश उर्फ पिंटू साहू की घटनास्थल पर ही मौत हो गई । आग से घिरा देख राकेश द्वारा बाहर निकलने का प्रयास किया गया होगा जिसके कारण अंदर के प्रेशर और बाहर निकलने के प्रयास में दीवार गिरी होगी । दीवार गिरने के बाद पत्रकार राकेश बाहर निकल पाया और शोर मचा कर किसी तरह बाहर के लोगों से सहायता मांगी, जिसके बाद एंबुलेंस की मदद से पुलिस ने राकेश को गंभीर हालत में जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचाया, जहां से डॉक्टरों ने गंभीर हालत को देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया । लखनऊ में इलाज के दौरान राकेश की मौत हो गई । थोड़े से पैसे तथा भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है, यह सोच कर भी किसी का भी दिल दहल जाएगा । 


मृतक के परिजनों को दी गई आर्थिक सहायता

     जानकारी दी गई है कि मृतक पत्रकार राकेश के पत्नी विभा सिंह को प्रशासन द्वारा 5 लाख की आर्थिक सहायता चेक विधायक सदर परशुराम तथा जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश द्वारा प्रदान किया गया है । साथ ही नौकरी दिलाने का भी आश्वासन दिया गया है । दूसरे मृतक पिंटू साहू के परिजनों से भी विधायक व उप जिला अधिकारी ने मुलाकात करके शीघ्र ही पांच लाख की आर्थिक सहायता तथा  नौकरी दिलाए जाने का भरोसा दिलाया है । 


घटना के दिन नहीं हुआ था कोई विस्फोट

घटना में दीवार गिरने को लेकर विस्फोट किए जाने के कयास पर विराम लगाते हुए पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वहां पर कोई विस्फोट नहीं हुआ था। दीवाल अंदर की गर्मी तथा दीवाल पर पड़ने वाले प्रेशर के कारण गिरा था । कमरे के अंदर की परिस्थितियां तथा रखे गए सामान की स्थितियों से यह स्पष्ट है कि कमरे के अंदर कोई विस्फोट नहीं हुआ था। केवल आगजनी की गई थी । 
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