वासुदेव यादव
अयोध्या।अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदीय निर्वाणी अनी अखाड़ा अयोध्या द्वारा संचालित सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन श्री श्री 1008 श्री महंत प्रेमदास जी महराज के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने पर मन्दिर परिसर को सजाया सवारा गया। प्रातः काल मन्दिर में सन्तो महंतो नागातीत व सभी पुजारियों द्वारा विशेष पूजन अर्चन व महाआरती की गईं।
इसके साथ ही गद्दीनशीन महंत प्रेमदास जी महाराज का भी वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत पूजन अर्चन व आरती सभी शिष्यों व भक्तो द्वारा किया गया। इस दौरान शिष्यो भक्तो ने उनका स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किये।
ज्ञात हो कि विगत वर्ष अगहन शुक्ल पक्ष द्वितीया 2018 को श्री महंत प्रेमदास जी महाराज को गद्दीनशीन पद का दायित्व सर्व सम्मति से अखाड़ा के सभी पदाधिकारियों ने सौपा था। इस पद की गरिमा को गौरावांवित करते हुए महंत प्रेमदास जी महाराज ने दो वर्ष सकुशल पूरा किए। श्री महंत ने दो वर्ष पूरे होने पर कहा कि सब भगवान श्री राम व बजरंग बली की कृपा है। उनके आशीर्वाद व कृपा से यहां पर हर काम समय से हो रहा है। मन्दिर पूरी तरह विकास की ओर अग्रसर है। यहां दर्शन पूजन करने वाले भक्तों के सब मनोरथ पूर्ण हो रहें है। जिसमे अखाड़ा परिवार व मन्दिर परिसर के सभी सन्त महंत का सहयोग व योगदान है। श्री महंत ने बताया कि इस अवसर पर आज मन्दिर में विशेष पूजा अर्चना व आरती की गई।
डॉ. महेश दास महराज ने कहा कि महंत प्रेमदास जी का दो वर्ष का कार्यकाल बहुत ही सराहनीय व स्वागतयोग्य रहा है। उनकी अध्यक्षता में अनेको आयोजन, कार्यक्रम यहां हुए। इस मंदिर का भी काफी विकास हुवा। जबकि पहलवान मामादास ने कहा कि भगवान बजरंगबली की कृपा गुरु जी व हम सभी पर है। महराज जी के अध्यक्षता में मन्दिर विकास की ओर अग्रसर है। यहा पर परम्परागत आयोजनों को बल मिल रहा है। जबसे महंत प्रेमदास जी ने गद्दीनशीन का दायित्व सम्भाला है। तब से यहां की व्यवस्था और सही हो गई है।
इस दौरान ढोल नगाड़े बजाकर भक्तो शिष्यों नागातीत व सन्तो ने काफी खुशियां प्रकट किये। एक दूसरे को मिस्ठान खिलाकर व वितरित करके सभी ने हर्ष जताए। यहां पर आज खुशियां चहुओर छाई नजर आई।
इस अवसर पर सभी चारो पट्टी के सन्त महंत नागातीत युवा सन्त पहलवान पुजारी आदि शामिल रहे। श्री महंत को सभी ने फूल माला पहनाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किये।
इस अवसर पर महंत सन्तरामदास, डॉ. महेशदास,पहलवान राकेशदास, राष्ट्रीय पहलवान मामादास, पहलवान रितेशदास,पुजारी दृगपालदास, कमलदास रामायणी,अभयदास, पुजारी प्रभुदास, बाबा राजूदास जी महाराज, राजेशदास, विवेकदास, बाबा संजयदास जी महाराज व अभिषेकदास जी महाराज इसके अलावा चारो पट्टी के सन्त महंत नागातीत व अन्य भक्त शिष्यगण आदि शामिल रहे।
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