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राष्‍ट्रीय किशोर स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम के अन्‍तर्गत एएनएम व एलएचबी के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
खान पान पोषण और स्‍वास्‍थ्‍य ही किशोर जीवन का आधार, इसमें कोई कमी न आने दें- डॉ मोहन झा

आलोक बर्नवाल

सन्तकबीरनगर। किशोरों की आबादी तकरीबन 23 प्रतिशत है। यह बड़ी संख्‍या और महत्‍वपूर्ण आयुवर्ग है। इसमें शारीरिक, मानसिक व भावनात्‍मक परिवर्तन का दौर होता है। जिसे उचित परामर्श व चिकित्‍सा की आवश्‍यकता होती है। जब हमारा किशोर एवं युवा मजबूत होगा तो देश मजबूत होगा। देश का भविष्‍य किशोरों के ही हाथ में है। स्‍वस्‍थ भारत का निर्माण स्‍वस्‍थ किशोरों से ही संभव है।

यह बातें सीएमओ डॉ हरगोविन्‍द सिंह ने राष्‍ट्रीय किशोर स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम के अन्‍तर्गत एएनएम व एलएचबी के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर कहीं। सीएमओ कार्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम को सम्‍बोधित करते हुए इस मौके पर किशोर स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा ने कहा कि किशोर स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के द्वारा विभिन्‍न कार्यक्रमों का संचालन किया जाता हैं। जिसमें सा‍प्‍ताहिक आयरनफोलिक सम्‍पूर्णन कार्यक्रम, किशोर मंच, किशोरी सुरक्षा योजना के तहत निशुल्‍क सेनेटरी नैपकिन का वितरण, पीयर एजूकेटर्स कार्यक्रम व किशोर स्‍वास्‍थ्‍य दिवस जैसे आयोजन किए जाते हैं। खान पान, पोषण और स्‍वास्‍थ्‍य ही किशोर जीवन का आधार है। अगर इसी में कमी आ गई तो आधार ही टूट जाएगा ।

इस दौरान जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ ए के सिन्‍हा ने किशोर स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में विस्‍तार से चर्चा करते हुए सभी एएनएम से अपील की कि वे अपने क्षेत्रों में किशोरों के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर सजग रहें तथा उनकी समस्‍याओं को मित्रवत समझे तथा विमर्श करके उसके निस्‍तारण का प्रयास करे। किशोरों को एनीमिया और आयरन की कमी के प्रति जागरुक करें। यौन व प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य के साथ ही परिवार नियोजन के कार्यक्रमों के बारे में विस्‍तार से जानकारी प्रदान की।

जिला कोऑर्डिनेटर दीनदयाल वर्मा ने छात्रों को किशोर स्वास्थ्य के छः प्रमुख बिंदुओं क्रमश: पोषण, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य,गैर संचारी रोगों, माहवारी स्वच्छता प्रबंधन, एवं लिंग आधारित हिंसा पर जानकारी देते हुए विस्तार से जानकारी दिया। किशोर स्‍वास्‍थ्‍य क्‍लीनिक जिला अस्‍पताल के काउन्‍सलर दयानाथ तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किशोर स्वास्थ्य क्लिनिक (एएफएचएस क्लीनिक), विफ्स (साप्ताहिक आयरन फोलिक सम्पूरन कार्यक्रम) ,  किशोरी सुरक्षा योजना, पीयर एजुकेटर्स कार्यक्रम आदि चल रहे हैं। इनके बारे में अपने क्षेत्र के किशोरों को जागरुक करें। अरबन कोआर्डिनेटर सुरजीत सिंह ने भी विभिन्‍न मुद्दों पर चर्चा की।
इस अवसर पर रागिनी सिंह, वन्‍दना चौरसिया, कामिनी देवी, प्रियंका सिंह, लक्ष्‍मी, शान्ति प्रिया, पूनम यादव के साथ विभिन्‍न ब्‍लाकों से आई हुई 30 एएनएम उपस्थित रहीं।

जिले में तीन जगह है किशोर स्वास्थ्य क्लिनिक 
किशोर स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम के जिला समन्‍वय‍क दीनदयाल वर्मा ने बताया कि किशोरों के स्‍वास्‍थ्‍य व अन्‍य समस्‍याओं को लेकर राष्‍ट्रीय किशोर स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम के तहत जिला चिकित्‍सालय में दो तथा हैसर में 1 किशोर स्‍वास्‍थ्‍य क्‍लीनिक चलाया जाता है। किशोर तथा किशोरियों को अगर कोई समस्‍या हो स्थित किशोर क्‍लीनिक में सम्‍पर्क करें, उनकी समस्‍याओं का समाधान होगा। आगामी सत्र से सभी 9 ब्‍लाकों में तथा जिला अस्‍पताल में स्‍वास्‍थ्‍य क्‍लीनिक का संचालन किया जाएगा। 

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