राकेश श्रीवास्तव
मनकापुर( गोंडा )रविवार को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर पर विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर डॉक्टर मिथिलेश कुमार पांडेय ने मृदा स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने का आह्वान किया ।
उन्होंने बताया कि स्वस्थ मृदा से ही अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है । कृषकों की आय अभिवृद्धि में स्वस्थ मृदा का अमूल्य योगदान है ।
मृदा का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए फसल विविधीकरण, फसल चक्र, हरी खाद एवं फसल अवशेष प्रबंधन पर ध्यान देना अति आवश्यक है । केंद्र के डॉक्टर के के मौर्य प्राध्यापक कृषि अभियंत्रण ने मृदा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए उन्नत कृषि यंत्रों के प्रयोग को आवश्यक बताया ।
उन्होंने बताया कि खेत में फसल अवशेषों की मौजूदगी मे हैप्पी सीडर के द्वारा गेहूं की बुवाई आसानी से की जा सकती है । फसल अवशेष सड़कर कार्बनिक खाद का काम करते हैं ।
उन्होंने ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई को अति आवश्यक बताया । ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई से कीट, बीमारियों खरपतवारों के कारक स्वतः नष्ट हो जाते हैं । डॉ राम लखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक ने खरपतवार प्रबंधन एवं अन्य शस्यात्मक क्रियाओं के द्वारा मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने की जानकारी दी ।
डॉ मनोज कुमार सिंह उद्यान वैज्ञानिक ने मृदा स्वास्थ्य बनाए रखने में कार्बनिक पदार्थों के प्रयोग एवं महत्व की जानकारी दी। उन्होंने बताया गोबर कि गोबर की खाद, कंपोस्ट खाद, वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग खेती में आवश्यक रूप से किया जाए रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को सीमित किया जाए ।
डॉक्टर दिनेश कुमार पांडे ने एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन की जानकारी देते हुए बताया कि यह तकनीक पर्यावरण हितैषी है, जिसका उपयोग कर काफी हद तक कीड़ों एवं बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है तथा रसायनों के प्रयोग करने से बचा जा सकता है ।
उन्होंने मृदा परीक्षण की संस्तुति के अनुसार ही खाद एवं उर्वरकों के प्रयोग की सलाह दी । इस अवसर पर विक्रम सिंह यादव प्रगतिशील कृषकों महादेव, अर्जुन कुमार, लालता प्रसाद एवं मेलाराम यादव ने प्रतिभाग कर मृदा स्वास्थ्य की तकनीकी जानकारी प्राप्त की ।
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