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भोर होते-होते करनैलगंज के विभिन्न ईट भट्ठों पर पहुंच जाती है प्रतिबंधित पीली बालू की खेप

सांकेतिक बालू खनन ,ट्राली

रजनीश / ज्ञान प्रकाश

करनैलगंज(गोंडा)। भोर होते-होते करनैलगंज के विभिन्न ईट भट्ठों पर प्रतिबंधित पीली बालू की खेप पहुंच जाती है। 


बहराइच जिले के कैसरगंज क्षेत्र से यह पीली बालू प्रतिदिन सुबह दर्जनों ट्रालों में भरकर बिना रॉयल्टी के ही ईट भट्टों पर पहुंचा दी जाती है।


 पीली बालू का काला कारोबार करने वाले लोग इससे मालामाल हो रहे हैं। जबकि प्रशासन सब कुछ जान कर भी अंजान बना हुआ है।


 ईंट की पथायी के दौरान ईंट को सुर्ख लाल दिखने में मदद करने वाली पीली बालू की खेप करनैलगंज तहसील क्षेत्र में लगे ईट भट्ठा पहुंचाई जा रही है। 


जबकि इस पूरे देवीपाटन मंडल में पीली बालू का कोई भी ठेका नहीं है। बहराइच जिले के कैसरगंज तहसील क्षेत्र में यह पीली बालू पाई जाती है। 


जहां से इसका काला कारोबार किया जा रहा है। साधारण बालू से पीली बालू का मूल्य तीन गुना अधिक होता है। जो ईट भट्टों पर ईटों के निर्माण में लिया जा रहा है। 



इस पीली बालू के सहारे ईंट को ज्यादा पकाने के बजाय उसे पीली बालू के जरिए लाल एवं सुर्ख पक्की ईंट दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।


 इस संबंध में पुलिस और प्रशासन अनजान बना हुआ है। 


एसडीएम हीरालाल ने बताया कि करनैलगंज क्षेत्र में बालू का कोई भी कारोबार नहीं हो रहा है। पीली बालू भी नही पाई जाती है। पीली बालू कहां से आ रही है उन्हें जानकारी नहीं है।

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