Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

मनकापुर चीनी मिल के गंदे पानी से बिसुही नदी का जल हो रहा दूषित, केमिकल युक्त राख से सूखे कई पेड़, ग्रामीणों ने लगाया आरोप

इमरान अहमद 

गोण्डा: ज़िले के मनकापुर में स्थित दतौली चीनी मिल का धुआं व गंदा पानी यहां की आबोहवा में ज़हर घोल रहा है,मिल के चिमनियों से निकल रहे धुएं से जहाँ लोग घातक बीमारियों से ग्रसित हो रहें हैं तो वहीं मिल का दूषित पानी नदी में छोड़े जाने से नदी में रहने वाले जीव जंतु के साथ पशु-पक्षी विषैला पानी पीकर अकाल मौत मर रहे हैं,मगर इन सब बातों से बेख़बर ज़िम्मेदार लोग खामोशी की चादर ओढे कुंभकर्णी की नींद सो रहें हैं ।


वीडियो


बताते चलें की मनकापुर का दतौली चीनी मिल चालू होते ही ज़हर उगलना शुरू कर दिया है।

वीडियो/भारी मात्रा में मछलियों की मौत



मिल प्रशासन की लापरवाही से जल व वायु दोनों प्रदूषित हो रहें हैं।एक तरफ़ जहाँ मिल से निकले कचड़े सड़क किनारे फेंके जाने से आने जाने वाले राहगीरों को भारी दुर्गंध व धूल का सामना तो करना पड़ ही रहा है,वहीं आस पास रहने वाले ग्रामीणों की माने तो इस राख के डालने से हरे भरे पेड़ भारी मात्रा में सूख जाते हैं।


शुगर फ़ैक्ट्री के पास रहने वाले दतौली ग्राम निवासी विम्लेश पाठक बताते हैं की मिल स्पेंड वाश जलाने के बाद उसकी बची राख जो मिल के उपयोग में नहीं आती वो लाकर यहां सड़क किनारे फेंक देती है।



 जो बेहद बदबूदार होती है।यह राख जमीन को ऊसड़ बना देती है जिससे हरे-भरे पेड़ सूख जाते हैं।जिस का नतीजा है की अभी तक तकरीबन 15 से 20 हरे पेड़ बिल्कुल सूखे खड़े हैं।



वहीं बनकटी गाँव निवासी अज्ञाराम यादव का कहना है की फ़ैक्ट्री की चिमनी व प्लांट से उड़ने वाली राख वृक्षों की पत्तियों पर जमकर उन्हें नुकसान पहुंचा रही है तथा आसपास के लोगों के घर,आंगन व छतों पर जम जाती है जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।ग्रामीण लक्षमण मौर्या,गुलाब देवी,राम कुमार सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया की मिल से उड़ रहे राख के कण के कारण वह अपने आंगन व छतों पर खुले में ना तो कपड़े सुखा पाते हैं ना ही खुले में कुछ खा पी सकते हैं।


बताया जाता की मिल क्षेत्र के आस पास के गाँव में रहने वाले लोग टीवी,पीलिया,दमा जैसी घातक बीमारियों से धीरे धीरे ग्रस होते जा रहें हैं।वहीं मिल के बगल से गुज़र रही विशुही नदी में दतौली चीनी मिल द्वारा खुलेआम विषैला दूषित पानी डालकर नदी को दूषित किया जा रहा है।



जिस का नतीजा है की अभी करीब एक सप्ताह पूर्व ही इस नदी का पानी जहाँ स्थिर होता है वहाँ सैकड़ों मछलियाँ मरी देखी गयीं।सूत्रों की माने तो कुछ वर्ष पूर्व भी जहरीले केमिकल के रिसाव से किसानों के न सिर्फ सुवर,बकरियाँ बल्कि जंगली जानवर की भी मौत हो चुकी है।


तब भी ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की थी।मगर मिल के रसूख के आगे प्रशासन बौना साबित हुआ और मिल पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पाया।इससे शुगर मिल के हौसलें दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे हैं।अब इससे ना सिर्फ एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ रही है बल्कि लोग भयंकर समस्याओं से भी पीड़ित होते जा रहें हैं 


क्या बोले ज़िम्मेदार


मुख्य महाप्रबंधक नीरज बंसल ने सफाई देते हुए कहा की मिल 0% पाल्यूसन पर काम कर रही हैं,मिल की तरफ़ से पानी नदी में नहीं गिराया जा रहा,और जो भी गलती से छोड़ा गया है वो अब बंद कर दिया गया है।सड़क किनारे फेंके गये राख पर कहा की वो राख महज गड्ढा भरने के लिए डाला गया था।इससे कोई भी पेड़ नहीं सूखे हैं 


वहीं उपज़िलाधिकारी कृति प्रसाद भारती ने कहा मामला संज्ञान में आया है मिल प्रशासन द्वारा ऐसा करना बिल्कुल गलत है इसकी जाँच कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 




Below Post Ad

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे