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हिंदू धर्म की रक्षा के लिए गुरू तेगबहादुर ने दी थी कुर्बानी : ज्ञानी गोपाल सिंह

ए. आर. उस्मानी

गोण्डा। नगर के प्राचीनतम गुरुद्वारा बड़गांव साहिब में श्री गुरू सिंह सभा द्वारा सिखों के नौवें गुरु, हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस का आयोजन किया गया।

  


  मीडिया प्रभारी एवं उपाध्यक्ष किशन राजपाल ने बताया कि प्रात:काल से ही गुरूनानक नाम लेवा साध संगत का गुरुद्वारा साहिब में आकर मत्था टेककर श्रद्धांजलि देने का सिलसिला शुरू हो गया। यह कार्यक्रम समापन तक जारी रहा।




 ज्ञानी गोपाल सिंह ने अपनी कथा विचार द्वारा लोगों को बताया कि कैसे क्रूर शासक औरंगजेब के शासनकाल में कश्मीरी पंडितों को जबरन इस्लाम कुबूल करने के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा, तब कश्मीरी पंडितों की प्रार्थना पर गुरु तेग बहादुर जी ने ऐलान किया कि जाकर बता दो औरंगजेब को कि तेग बहादुर आ रहा है।


 अगर उसे इस्लाम कुबूल करवा लोगे तो सारे पंडित भी इस्लाम कुबूल कर लेंगे। गुरूजी तमाम लोभ और प्रताड़ना से तनिक भी विचलित नहीं हुए और हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दे दी। 

 


 प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजेंद्र सिंह भाटिया ने बताया कि सभी धर्म श्रेष्ठ हैं। सभी को फलने-फूलने का अधिकार होना चाहिए। जबरन धर्म परिवर्तन न तब स्वीकार था और न आज स्वीकार है। 



महामंत्री सरदार चरनजीत सिंह खालसा ने आयी संगत का धन्यवाद किया और गुरु जी के बताए हुए मार्ग पर चलने की अपील की। अंत में गुरू ग्रंथ साहिब जी के चल रहे सहज पाठ की सम्पूर्णता की गई। 



साथ ही समूह साध संगत ने मिलकर गुरु महाराज से  कौम को सदैव देश और मानवता की रक्षा के लिए हिम्मत और हौंसला देने की अरदास भी की।

   कार्यक्रम में मुख्य रुप से संरक्षक राजकुमार ठक्कुर उर्फ राजू, सरदार सतपाल सिंह छाबड़ा, इंदरजीत सिंह खालसा, मनजीत सिंह भाटिया, रवि चैनानी, सतीश चैनानी, श्रवण कुमार छाबड़ा, अजीत सिंह सलूजा, अजीत बेदी, परमानंद सिंधी, प्रभशरण सिंह आदि मौजूद रहे।

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