आयुष मौर्या
धौरहरा खीरी।विकास क्षेत्र की करीब आधा दर्जन गांवों में दबंग ग्राम प्रधान बिना रोजगार सेवकों के ही मनरेगा के कार्यो को सम्पादित कर रहे हैं ।
जबकि रोजगार सेवकों की तैनाती ही मनरेगा सम्बन्धी कार्यों की देखरेख के लिए की गई थी । अब सवाल यह उठता है कि तैनाती के बाद भी बिना रोजगार सेवकों के मनरेगा के कार्य कैसे किए जा रहे हैं ।
इस गम्भीर मामले में अधिकारी जानकारी न होने की बात कह रहे हैं ।
पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अस्तित्व में आई गांव की सरकार में दबंग ग्राम प्रधान रोजगार सेवकों से काम लिए बिना ही मनरेगा के कार्यो को सम्पादित करवा रहे हैं ।
पंचायत चुनाव के दौरान अपेक्षित सहयोग न कर पाने से रोजगार सेवकों से नाराज दबंग ग्राम प्रधान रोजगार सेवकों से काम नहीं ले रहे हैं ।
जबकि रोजगार सेवकों की तैनाती ही मनरेगा के कार्यो जैसे जाबकार्ड आवेदनों को सुविधाजनक बनाना और उन्हें ग्राम पंचायत में प्रस्तुत करना।
वैयक्तिक मजदूरों या मजदूरों के समूह से काम की माँग को सुगम बनाना और उसको ग्राम पंचायत में प्रस्तुत करना , जॉब कार्ड बनाना और उसे बांटना उनके कामों का निगरानी करना, मास्टर रोल भरने के साथ ही भुगतान करवाना होता है।
पर धौरहरा विकास क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों में प्रधान बिना रोजगार सेवकों के ही मनरेगा के इन कामों को सम्पादित कर रहे हैं ।
अब सवाल यह है कि बिना रोजगार सेवकों के किए जा रहे मनरेगा के इन कामों में होने वाले भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार कौन होगा ।
अनुज कुमार रोजगार सेवक
रामलोक विकास क्षेत्र धौरहरा
" मनरेगा संबंधित गांव के सभी काम बिना मेरी जानकारी के करवाए जा रहे हैं। अभिलेख कौन तैयार कर रहा है और भुगतान बिना मेरे हस्ताक्षर के कैसे हो रहा है मुझे जानकारी नहीं है। "
प्रमोद कुमार रोजगार सेवक कलुआपुर विकास क्षेत्र धौरहरा
" मनरेगा में डिमांड लगाना , मास्टररोल फीड करवाने सहित अभिलेख तैयार करने की जिम्मेदारी थी पर वर्तमान समय में मेरे बिना किसी जानकारी के काम करवाए जा रहे हैं ।"
मो. सोयब अंसारी एपीओ धौरहरा
" बीडीओ के माध्यम से सचिवों को पत्र भेजा गया है कि बिना रोजगार सेवकों के काम न करवाया जाए। बिना रोजगार सेवकों के करवाए गए कामों में यदि भ्रष्टाचार होता है तो जिम्मेदारी सचिव की होगी ।"
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