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महिलायें अपने को अबला नहीं सबला समझें:रन बहादुर वर्मा

वेद व्यास त्रिपाठी

प्रतापगढ़! महिलायें अपने को अबला न समझें उन्हें सबला बनकर अपने अधिकार लेने होंगें इसके लिए समाज व् परिवार को भी जागरूक होना होगा।


उक्त विचार अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर तरुण चेतना द्वारा श्रीराम बालिका इंटर कॉलेज चिलबिला के प्रांगण में आयोजित महिला अधिकार सम्मलेन में जिला प्रोबेशन अधिकारी रन बहादुर वर्मा ने व्यक्त किया ।

मुख्य अतिथि के रूप में श्री वर्मा ने कहा कि आपसी समन्वय से ही परिवार का विकास होता है, इसके लिए पुरुषों को भी पहल करनी चाहिए. प्रोबेशन अधिकारी ने जोर देकर कहा कि कुछ सामाजिक कुरीतियाँ जेंडर भेदभाव को बढ़ावा देती हैं, जिससे परिवार के विघटन का खतरा बना रहता है, इसके लिए परिवार में मिल बैठ कर समझ बनाने की आवश्यकता है तभी समाज आगे बढेगा.   

 इस अवसर पर महिला थाना की प्रभारी सरस्वती निगम ने कहा कि आज कल महिलाएं घर में घरेलू हिंसा, यौन उत्पीडन या अन्य प्रकार की हिंसा होने पर चुप बैठ जाती हैं, जबकि अब उन्हें चुप नहीं बैठना है. 


महिला थाना प्रभारी ने बताया कि महिलाओं की मदद के लिए सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है जहाँ महिलाएं जाकर अपनी समस्याए बेहिचक दर्ज करा सकती हैं. इसी क्रम में महिला कल्याण अधिकारी जया यादव ने महिला-पुरुष एक दूसरे के पूरक है दोनों के बगैर बदलाव संभव नहीं है. श्रीमती यादव ने कहा कि पति अपनी पत्नियों को घर की चहारदीवारी में कैद रखना चाहते है. 


उन्होंने कहा कि महिला-पुरुष एक ही गाड़ी के दो पहिये है जेंडर समानता के लिए पुरुषों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। 

     


इस अवसर पर तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए महिला दिवस का इतिहास व कार्यक्रम के उद्देष्यों पर प्रकाश डाला।  


श्री अंसारी ने कहा कि इस बार की ग्लोबल थीम ब्रेकदबायस अर्थात महिलाओं के विरुद्ध समाज में व्याप्त रुढ़िवादी परम्पराओं को तोड़ना है जिसके लिए महिलाएं को आगे लाने हेतु पुरुषों को अवसर देना होगा. 


इस अवसर पर सम्मलेन की अध्यक्षता कर रही श्रीमती सावित्री पटेल ने कहा कि अधिकार लेने के लिए हम सबको आगे आना होगा, इसके लिए चाहे संगठन बनाकर संघर्ष ही करना पड़े तो भी पीछे नहीं हटना है।


कार्यक्रम में रानी मिश्रा ने यफपीसी पर अपने विचार रखते हुए कहा कि खेती का 75% काम महिलाये ही करती हैं फिर भी हमारा पुरुष प्रधान समाज उन्हें किसान का दर्जा नहीं देता है. जबकि महिलायें ही असली किसान है इस मानसिकता को बदलना होगा. 


इसी क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरा लीगल वालंटियर मोहम्मद शमीम ने सभी महिलाओं का आवाहन करते हुए कहा कि आगामी 12 मार्च को आयोजित लोक अदालत में अपनी मुद्दे रखकर हल कराने की अपील की।


इस अवसर पर चाइल्ड फंड इंडिया के कोऑर्डिनेटर संदीप कुमार ने पुरुषों को रुढ़िवादी  परंपराओं को तोड़ने के लिए पुरुषो को आगे आने का आवाहन किया। 


उन्होंने कहा कि यफपीसी में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जुड़ें इससे उनमें खुशहाली व आत्मनिर्भरता आएगी.  इसी क्रम में वरिष्ठ समाजसेवी श्री शंकर चौरसिया ने बेटियों के सशक्तिकरण पर अपने विचार व्यक्त किए।


कार्यक्रम का संचालन हकीम अंसारी व आभार चाइल्ड लाइन के सिटी कोऑर्डिनेटर अर्पित श्रीवास्तव ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में श्रीराम बालिका इंटर कॉलेज की प्राचार्या डाली केशरवानी, प्रबंधक आनंद केसरवानी, शिक्षक लालमणि पटेल, मुजम्मिल हुसैन, विपिन श्रीवास्तव, कलावती, नीरज गुप्ता, बदरुन्निसा, उषा पटेल, ललिता, सरस्वती, अनार देवी, रीता, निधि चौरसिया, साईस्ता, रीना यादव, बीनम, सोनिया गुप्ता आदि लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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