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BALRAMPUR:धूमधाम से मनाया गया भगवान परशुराम का जन्मोत्सव


अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पायनियर पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । 


जन्मोत्सव के मौके पर छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपने कला का प्रदर्शन किया ।


3 मई को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज, में ‘‘भगवान परशुराम जन्मोत्सव‘‘ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। 


विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने बताया कि भगवान परशुराम त्रेता युग (रामायण काल) मे एक ब्राहमण ऋषि के यहाँ जन्मे थे। भगवान परशुराम भगवान विष्णु के उन्नीसवां अवतार माने जाते हैैं। 


पौराणिक वृतान्तों के अनुसार उनका जन्म महर्षि भृगु के पुत्र महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को मध्यप्रदेश के इन्दौर जिला में ग्राम मानपुर के जानापाव पर्वत में हुआ था। वे भगवान विष्णु के आवेशावतार है। 


महाभारत और विष्णुपुराण के अनुसार परशुराम का मूल नाम राम था, किन्तु जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उनका नाम परशुराम हो गया। 


भगवान परशुराम शस्त्र विद्या के महान गुरू थे। उन्होनें भीष्म, द्रोण व कर्ण को शस्त्रविद्या प्रदान की थी। कर्ण को यह ज्ञात नही था कि वह जन्म से क्षत्रिय है। वह सदैव ही स्वयं को शुद्र समझते रहे, लेकिन उनका सामार्थ्य छुपा न रह सका। 


उन्होनें भगवान परशुराम को यह बात नही बताई की वह शुद्र वर्ण के है और भगवान परशुरामसे शिक्षा प्राप्त कर ली। जब परशुराम को इसका ज्ञान हुआ तो उन्होनें कर्ण को यह श्राप दिया कि उनका सिखाया हुआ सारा ज्ञान उनके किसी काम नहीं आएगा, जब उन्हे उसकी सर्वाधिक आवश्यकता होगी। 


इसलिए जब कुरूक्षेत्र के युद्ध में कर्ण और अर्जुन आमने सामने होते है तब वह अर्जुन द्वारा मार दिये जाते है, क्योंकि उस समय कर्ण को ब्रहास्त्र चलाने का ज्ञान ध्यान में ही नहीं रहा। 


विद्यालय में‘‘भगवान परशुराम जन्मोत्सव‘‘ के अवसर पर विद्यालय में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें भाषण प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । 


भाषण के अन्तर्गत अंजली मिश्रा, गरिमा चौधरी, यशी पाण्डेय, सुनैना शुक्ला, अंशिका श्रीवास्तव, माशू श्रीवास्तव, फरहत फातिमा एवं दर्शिका सिंह नें भगवान परशुराम के जीवन परिचय के बारे अपना-अपना विचार प्रस्तुत किया। 


इसी क्रम में सांस्कृति कार्यक्रम के अन्तर्गत सर्वप्रथम एक समूह नृत्य भगवान परशुराम के लिए गीत-जय परशुराम प्रस्तुत हुआ जिसमें यश यादव, आयुशी सिंह, शसांक कसौधन, युग मौर्या एवं अंश मिश्रा ने बड़े ही मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया। 


तत्पश्चात् धुनष टूटन पर भगवान परशुराम एवं लक्ष्मण का संवाद की एक लघु नाटिका प्रस्तुत हुआ, जिसमें मेधावी सिंह (राम), वेदांसी (सीता), अनन्या पाण्डेय (लक्ष्मण) तथा आर्दश श्रीवास्तव (परशुराम) का अभिनय किया। जिसका विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं ने प्रशंसा की एवं तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया। 


अंत में विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 तिवारी ने सभी छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत भगवान परशुराम एवं लक्ष्मण के संवाद की प्रशंसा की तथा सांस्कृति कार्यक्रम को सराहा। इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, संतोष श्रीवास्तव, एक्टीविटी ंइंचार्ज राघवेन्द्र त्रिपाठी एवं समस्त अध्यापको ने उपस्थित होकर ‘‘भगवान परशुराम जन्मोत्सव‘‘ को मनाया।

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