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मंहगाई तथा बेरोजगारी व एजेन्सियों के दुरूपयोग पर मोदी सरकार पूरी तरह गैरजबाबदेह: प्रमोद तिवारी



राज्यसभा सांसद प्रमोद ने कांग्रेस सांसदो को हिरासत मे लिये जाने की कार्रवाई को बताया लोकतांत्रिक संसदीय गरिमा पर आघात 

 वेदव्यास त्रिपाठी

प्रतापगढ़। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने मंहगाई तथा बेरोजगारी और केन्द्रीय एजेन्सियों के दुरूपयोग को लेकर पार्टी सांसदो की लगातार गिरफ्तारी को लोकतांत्रिक संसदीय मर्यादा पर मोदी सरकार का अब तक का सबसे बड़ा कुठाराघात ठहराया है। 


श्री तिवारी ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार इस समय जनता का ध्यान मूलभूत कठिनाईयों से हटाने के साथ विपक्ष की आवाज को दबाने पर ही अमादा दिख रही है। 


उन्होनें कहा कि सरकार की गलत अदूरदर्शी नीतियों का ही नतीजा है कि गेहूं की फसल की कीमत भी अब रिकार्ड मंहगाई छू रही है। 


उन्होने कहा कि अनाज पर टैक्स लगाने वाली मोदी सरकार को देश की जनता को यह बताना चाहिए कि गेहूं की फसल पर भी वह बारह फीसदी मंहगाई थोपने की जिम्मेदारी कब लेगी। 


कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि मंहगाई और बेरोजगारी जैसी जनता की समस्या को उठाने पर यह सरकार विपक्षी सांसदो को जबाब देने की जगह हिरासत मे लेने का अलोकतांत्रिक हथकण्डा कब तक जारी रखेगी। 


उन्होने कहा कि पहली बार देश की राजधानी मे केन्द्रीय एजेन्सियों के दुरूपयोग तथा युवाओं व किसानों तथा मध्यम वर्ग की पीड़ा की आवाज उठाने पर बीजेपी सरकार ने पचहत्तर सांसदो को हिरासत मे लेकर लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया। 


मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से गुरूवार को यहां जारी बयान मे राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी से इसलिए परेशान कराने का असफल प्रयास कर रही है कि कांग्रेस सरकार को मंहगाई को लेकर उसकी जबाबदेही की घेराबंदी से ढील दे सके। 


उन्होनें कहा कि देश की आजादी की आवाज की पहचान बने अखबार के नाम पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी की घेराबंदी जनता के बीच भाजपा को ही भारी कीमत चुकाने की नौबत जल्द ले आयेगी। 


सीडब्ल्यूसी मेंबर एवं पार्टी सांसद प्रमोद तिवारी ने पार्टी की ओर से यह भी ऐलान किया कि कांग्रेस मंहगाई, बेरोजगारी तथा बिगड़ती अर्थव्यवस्था एवं सुरक्षा के क्षेत्र में मोदी सरकार की विफलताओं को लेकर संसद से सडक तक संघर्ष को और तेज करेगी। 


राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने संसद के मानसून सत्र मे जारी गतिरोध को लेकर भी मोदी सरकार को ही कसूरवार ठहराया। उन्होनें कहा कि वित्तमंत्री के पूर्ण स्वस्थ होने के बावजूद सरकार का कांग्रेस द्वारा मंहगाई व बेरोजगारी पर नोटिस के बावजूद चर्चा न कराया जाना खुद भाजपा के द्वारा इन क्षेत्रों मे गैरजबाबदेही तथा निरूत्तर होने का स्पष्ट प्रमाण है। 


तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष को सदैव जनता के मुददो पर सरकार के सामने अपनी आवाज उठाने का संवैधानिक अधिकार हुआ करता है। 


ऐसे मे मोदी सरकार विपक्ष के उठाये गये मुददो पर जबाबदेही तो नही ले रही है बल्कि सांसदो को हिरासत मे लेने और उन्हें सदन के सत्र में भाग लेने से पाबन्दी का अलोकतांत्रिक कदम उठाकर सिर्फ शर्मसार हो रही है। 


सांसद प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा में खुद के द्वारा नियमों के तहत चर्चा के सवाल पर भी मोदी सरकार के द्वारा निरूत्तर होने की स्थिति में सदन के भीतर गैर जिम्मेदाराना रूख को भी चिन्ताजनक करार दिया।

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