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गुणवत्तापरक शिक्षा एवं पाठ्यक्रम की विशेषज्ञता के क्षेत्र में प्रो. गिरिजाशंकर शुक्ल का योगदान प्रेरणास्पद:शिक्षक विधायक



लालगंज तहसील सभागार में प्रो. गिरिजाशंकर शुक्ल को श्रद्धांजलि अर्पित करते शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी


लालगंज में प्रो. गिरिजाशंकर शुक्ल की पुण्यतिथि पर समारोह को संबोधित करते एमएलसी उमेश द्विवेदी

वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़। लालगंज तहसील सभागार में गुरूवार को हिन्दी साहित्य के विद्वान तथा शिक्षाविद् प्रो. गिरिजाशंकर शुक्ल की सत्रहवीं पुण्यतिथि समारोहपूर्वक मनाई गयी। 


कार्यक्रम का शुभारंभ शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी ने प्रो. शुक्ल के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया। 


बतौर मुख्यअतिथि शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी ने प्रो. शुक्ल के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लालगंज नगरीय क्षेत्र में शिक्षण संस्थानों की स्थापना के साथ गुणवत्तापरक शिक्षा की नींव रखने में उनका अप्रतिम योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। 


उन्होने कहा कि मेधाशक्ति के निर्माण मे अनुशासन तथा पाठयक्रम के प्रति विषय विशेषज्ञता भी गिरिजाशंकर शुक्ल के अध्यापन जीवन की अमूल्य थाती रही है। 


शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी ने कहा कि हिन्दी साहित्य के संवर्धन तथा सामाजिक परिवेश को सुदृढ़ बनाए रखने मे भी प्रो. शुक्ल जैसे विद्वानों का योगदान समाज के लिए प्रेरणास्पद है। 


उन्होनें प्रबुद्ध समाज से लोगों के अधिकारों के संरक्षण व विकास की समग्र परिकल्पना के लिए साक्षरता एवं शिक्षा के शत प्रतिशत लक्ष्य को पूर्ण किये जाने मे सहयोग का आहवान भी किया। 


शिक्षक विधायक ने प्रो. शुक्ल की पुण्यतिथि की यादगार मे तहसील परिसर मे वादकारी शेड के लिए अपनी विधायक निधि से पांच लाख रूपये भी प्रदान किये जाने की सौगात दी। 


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश ने भी प्रो. गिरिजाशंकर शुक्ल के शैक्षिक एवं सामाजिक योगदान पर प्रकाश डाला।


 प्रो. शुक्ल के कनिष्ठ सुपुत्र व अधिवक्ता ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने स्वागत भाषण में शिक्षा की उपादेयता पर प्रकाश डाला। 


वहीं प्रो. शुक्ल के ज्येष्ठ पुत्र एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन संकाय के विभागाध्यक्ष डा. ओमप्रकाश शुक्ल ने वर्चुअल आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन पूर्व अध्यक्ष विकास मिश्र तथा संयोजन महामंत्री शेषनाथ तिवारी ने किया। 


समारोह को प्राचार्य डा. शैलेन्द्र मिश्र, डा. शिवमूर्ति शास्त्री, डा. शक्तिधर नाथ पाण्डेय, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, डा. सौरभ मिश्र, राव वीरेन्द्र सिंह, देवीप्रसाद मिश्र, प्रकाशचंद्र मिश्र, आचार्य राजेश मिश्र, त्रिवेणीधर शुक्ल, विनय शुक्ल, संतोष सिंह, छोटे लाल सरोज, आरपी वर्मा, बृजेन्द्र पाण्डेय मंटू, पप्पू तिवारी, श्रीकांत मिश्र ने भी संबोधित करते हुए गिरिजाशंकर शुक्ल के कृतित्व को महनीय ठहराया। 


इस मौके पर विपिन शुक्ल, कालिका प्रसाद पाण्डेय, कमाल अहमद, संतोष सिंह, प्रमोद तिवारी, बीके तिवारी, विनय शुक्ल, नामवर सिंह, रामअभिलाष यादव, हरिश्चंद्र पाण्डेय, संजय सिंह, धीरेन्द्र मिश्र, दिनेश मिश्र, अम्बुज पाण्डेय, सुमित त्रिपाठी, शिवप्रसाद यादव, सुशील शुक्ल, पारसनाथ सरोज आदि रहे।

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