बीपी त्रिपाठी
गोंडा:जनपद गोंडा में एक बार फिर डॉक्टर द्वारा गलत इलाज किये जाने का मामला सामने आया है।
शिकायत कर्ता का आरोप है की पैसों की लालच में जबाब न देने तथा गलत इलाज किये जाने की वजह से उसके बच्चे की हालत बेहद नाजुक हो गयी थी, बच्चा जिंदगी और मौत से जूझ रहा था, गलत इलाज हवाला देते हुए बच्चे के पिता ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लिखित शिकायत की है।
जिले के मनकापुर क्षेत्र में रहने वाले विजय कुमार ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है की जनवरी माह से मई 2022 तक घनश्याम गुप्ता ने बच्चे का इलाज किया, किन्तु उनके दो वर्ष के बेटे की तबियत में सुधार होने के बजाय दिनों दिन उसकी हालत खराब होती रही,
बच्चे का वजन घटते घटते सात किलो तक पहुंच गया, किन्तु न तो वे बच्चे की बीमारी का पता लगा पाये और न ही उन्होंने कहीं अलग दिखाने की सलाह दी, जब लगा की अब बच्चे को बचा नही पाएंगे तब उसे एक मित्र की सलाह पर धानेपुर के डॉक्टर अनवर हुसैन को दिखाया गया, जहां उन्होंने महज तीन दिन की दवाई और जांच के बाद बच्चे की बिमारी का पता लगा लिया,
जो घनश्याम गुप्ता पांच महीने में नही कर पाये, बच्चे की हालत नाजुक देख डॉक्टर अनवर ने बिना देरी किये उसे लखनऊ के चाइल्ड स्पेशलिष्ट डॉक्टर गिरजेश सिंह को दिखाने की सलाह दी, बच्चे को उनके पास इलाज के लिए ले जाया गया, जहां उन्होंने बच्चे के बचने की उम्मीद बहुत कम बताते हुए इलाज करने से ही मना कर दिया ।
काफी मान मनौव्वल के बाद वे इलाज करने को राजी हुए जहां चार दिनों के इलाज और जांच के बाद पता चला की बच्चों को जो बिमारी थी, डॉक्टर घनश्याम गुप्ता ने उसका इलाज ही नही किया जिससे बच्चे की हालत खराब होती रही।
बता दें की विजय के दो वर्ष के आयुष की आंत में गाँठ (टी.बी) व सिलियक डिजीज नाम की बिमारी थी, जिसकी जानकारी न होने के बावजूद लगातार पांच महीनो तक मधुलोक हॉस्पिटल के संचालक द्वारा इलाज किया जाता रहा।
जिसके कारण बच्चा मौत के करीब पहुंच गया था, डॉक्टर की इस बड़ी लापरवाही के विरूद्ध बच्चे के पिता विजय कुमार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेज कर कार्यवाही की मांग की है,
उन्होंने यह भी कहा है, की इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी अगर डॉक्टर के विरुद्ध कार्यवाही नही हुयी तो वे उपभोक्ता फोरम सहित न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया जाएगा।
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