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पुराणों में 108 शक्तिपीठों में है 18वां स्थान,मां मंगला के नाम से विख्यात है देवी भद्रकर्णिका

 


नवरात्र पर विशेष:-शिव के साथ सती का मंदिर है छोटी काशी में!

सुरेंद्र जयसवाल

अजान खीरीखीरी। छोटी काशी में गोकर्णेश्वर शिव का मंदिर तो जगत प्रसिद्ध है , यहां शिव की भार्या सती पार्वती जी का देवालय मां मंगला देवी के नाम से जाना जाता है। 


मंदिर में स्थापित काले पत्थर की चमत्कारी प्रतिमा सजीव प्रतीत होती है नवरात्र में यहां सबसे अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।



गोला गोकर्णनाथ छोटीकाशी पर शोध प्रबंध लिखने वाले साहित्यकार लोकेश कुमार गुप्त ने बताया कि मत्स्य पुराण में वर्णन है कि अपने पिता दक्ष के यज्ञ में शिव जी की पत्नी सती बिना आमंत्रण के पहुंचीं और शिव जी का स्थान न देखकर क्रोधित होकर योग बल से प्रज्वलित अग्नि में अपने को भस्म कर दिया था।


जलती हुई सती से दक्ष ने उत्तम योग व तप के लिए तीर्थ स्थलों में उन देवी के दर्शन व स्तवन के लिए नाम पूछे तो देवी ने कामना सिद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए 108 तीर्थ स्थलों का वर्णन किया उनमें गोकर्ण तीर्थ में भद्रकर्णिका नाम से अपने को स्थापित बताया -


पुष्करे पुरु हूतेति केदारे मार्ग दायिनी,

नंदा हिमवत: पृष्ठे गोकर्णे भद्र कर्णिका।

(मत्स्य पुराण अध्याय 13 / 20 )

शक्तिपीठों का यही वर्णन पद्म पुराण, देवी भागवत पुराण, स्कंद पुराण में भी मिलता है।


मां मंगला ही है देवी भद्रकर्णिका खुटार मार्ग के समीप स्थित मंदिर में माता भद्रकर्णिका की चतुर्भुजी प्रतिमा है , जब भक्तों की यहां कामना पूर्ण होने लगी तो उनका नाम मां मंगला रख दिया गया ,अब वह यहां इसी नाम से जानी जाती है । 


चमत्कारी प्रतिमा का पूजन दर्शन करने से भक्तों के संकट हर जाते हैं मां भक्तों का संकट अपने ऊपर ले लेती है ,ऐसी ही घटना लगभग 45 वर्ष पूर्व हुई थी वर्षा काल में  आकाशीय बिजली गिरी किंतु वह किसी के घर पर नहीं माता के मंदिर पर गिरी जिससे मंदिर का शिखर ध्वस्त हो गया था ,तब से लोगों में देवी मां के प्रति श्रद्धा भाव और भी बढ़ गया है ।


मंदिर का जीर्णोद्धार नगर के श्रद्धालु केदारनाथ गुप्त ने करवाया था दर्शन से पाप मुक्त होते हैं श्रद्धालु मत्स्य पुराण में ही माता सती ने दक्ष से कहा कि जो मनुष्य मेरे द्वारा वर्णित इन तीर्थों में स्नान कर मेरा दर्शन करेगा वह संपूर्ण पापों से मुक्त हो कल्प पर्यंत शिवपुरी में वास करेगा जो इन नामों का स्मरण ध्यान या श्रवण करेगा वह भी पाप मुक्त होगा और अंतिम समय में शिवलोक को प्राप्त होगा शिव परिवार और मां गायत्री मंदिर है यहां देवी मां के इस प्राचीन स्थल पर श्रद्धालुओं ने शिव परिवार और मां गायत्री के भी मंदिर बनवाए हैं ।


यहां शिवलिंग और श्री हनुमान जी महाराज की प्रतिमा भी स्थापित है पहले देवी मंदिर के पीछे तीर्थ था जो काफी समय पूर्व पट चुका है वहां आईएएस शंभु कुमार के प्रयासों से यज्ञशाला बनवा कर सौंदर्यीकरण हो चुका है। 


मंदिर की देखरेख के लिए समिति बनी हुई है और पुजारी देव प्रतिमाओं का पूजन आरती करते हैं।

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