सलमान असलम
उत्तर प्रदेश के जनपद बहराइच में इस्लामिक महीना सफर की 28 तारीख को पूरे जोश खरोश के साथ मनाई गयी 28वी।
आपको बताते चले आज से लगभग 40 साल पहले बहराइच जिला सूखा ग्रसित हो गया था बरसात नही हो रही थी चारो ओर सूखा पड़ गया था ।
किसानों के साथ साथ परिन्दों को भी पीने के लिए पानी नही मयस्सर हो रहा था बारिश न होने से किसानों की फसलें भी तबाह हो रही थी।
आवारा जानवरो की जान मुश्किल में पड़ गयी थी इंसानों और परिन्दों के हालात देखते हुए हजरत सैय्यद सलार मसूद गाजी की दरगाह के के ख़ादिम मरहूम अकबर अली उर्फ छम्मा हाजी ने बारिश होने के लिए व मन्नत मांगी थी और इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक सफर महीने की चांद की 28 तारीख को मन्नत पूरी हुई और जोरदार बरसात हुई और सूखा ग्रसित इलाका लहलहा उठा किसानों के चेहरे खिल उठे ।
उसके बाद से ही हजरत सय्यद सलार मसूद गाजी की दरगाह के चारो जानिब चबूतरों बनाकर उन चबूतरो पर ताजिये रखकर अपनी अकीदत का मुजाहरा करते आ रहे है ।
इस बार 28वी में बाहर से बुलाये गए नामी कारीगरों से बड़ी बड़ी व खूबसूरत ताजिया से तैय्यार करवा करके बीते 40 साल पुरानी रस्म पूरी अकीदत के साथ अदायगी की गई ।
वही दूर दराज से आये अकीदतमंदों और 28वी की इंतेजामिया कमेटी की जानिब से पूरे जोश खरोश के साथ 28वी मनाई और अकीदतमंदों ने अपनी अपनी मन्नते मांग कर देश में अमन चैन और बरकरार रहे व देश की तरक्की की दुआ मांगी इस दुआ के लिए उठे।
हजारों हाथ वहीं अकीदतमंदों जानिब से दिल खोलकर खाने पीने इंतेजाम कर लंगरे आम चलाया।28वी के मौके पर हजारों की तादाद में जायरीन तशरीफ़ लाये जिसमे ख़ातूनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
वही बहराइच प्रशासन ने दरगाह इलाके में दूर दराज से तशरीफ़ लाये अकीदतमंदों को किसी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।
इसके लिए थाने से सिपाहियों की ड्यूटी मुख्य मार्गो पर लगाकर अकीदतमंदों को जाम के झाम राहत दी गयी।
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