रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा में आई बाढ़ ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। जहां रविवार की शाम को बाढ़ के पानी की दस्तक हुई थी वहां रातों-रात करीब 2 फिट से अधिक पानी पूरे गांव में फैल गया।
जिससे गोंडा जिले के 12 गांव एवं गोंडा बाराबंकी की सीमा पर बसे आधा दर्जन गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर गए हैं। तथा गांव जलमग्न हो चुके है।
वहीं दूसरी तरफ घाघरा के जलस्तर का बढ़ना जारी है और डिस्चार्ज धीरे-धीरे घटनेे लगा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दोपहर के बाद नदी का जलस्तर स्थिर होने लगा था।
मगर डिस्चार्ज 3 लाख से अधिक होने के कारण पानी का फैलाव तेजी से हो रहा है। घाघरा में बीते 2 वर्षों से बाढ़ का समय बीत जाने के बाद बाढ़ आ रही है।
बीते वर्ष भी सितंबर और अक्टूबर माह में भारी बारिश के चलते बाढ़ की नौबत आई थी। जिसमें चंदापुर किटौली के पास बांध कटे लगा था और नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 1 मीटर ऊपर पहुंच गया था।
वही स्थिति इस वर्ष भी हो रही है सितंबर माह में बारिश और बाढ़ के चलते सरयू का जलस्तर खतरे के निशान से 78 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है और नदी में डिस्चार्ज तीन लाख आठ हजार एक से अधिक है।
जिससे पानी और बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। मगर अधिकारियों की माने तो जलस्तर स्थिर है और डिस्चार्ज जारी है।
शनिवार की शाम को गोंडा बाराबंकी जिले की सीमा पर मौजूद गांव माझा रायपुर, नउवनपुरवा, परसावल, नेपुरा, कमियार गांव में पानी की दस्तक हो गई थी। जहां सोमवार को गांव जलमग्न हो गए और लगभग पूरे गांव के सभी घरों में पानी भर चुका है।
इसी तरह गोंडा जिले के नकहरा गांव के 10 मजरों में पूरी तरफ बाढ़ का पानी घुस गया है। जिसमें राधे पुरवा, तीरथ राम पुरवा, पुहिन पुरवा, बसंत लाल पुरवा, मछारन पुरवा, संभर पुरवा, छंगूलाल पुरवा, देवकिशन पुरवा, खाले पुरवा एवं दुलारे पुरवा शामिल हैं।
यह सभी गांव जलमग्न हो चुके हैं और करीब 2 फीट पानी गांव में भरा हुआ है।
मौके पर पहुंचकर उप जिलाधिकारी हीरालाल ने बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण किया और गांव में नाव की व्यवस्था कराई। गांव के ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकलवा कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। एहतियात के तौर पर राजस्व टीम गांव में तैनात कर दी गई है और बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है।