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गोण्डा:पुलिस हिरासत में विद्युत विभाग के संविदा कर्मी के मौत को लेकर मानवाधिकार आयोग को अवगत कराकर उच्च स्तरीय जांच की मांग

 


अतीक़ राईन

गोण्डा:पुलिस हिरासत में विद्युत विभाग के संविदा कर्मी देव नारायण उर्फ देवा की हुए मौत के मामले को मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण आर्गनाइजेशन संस्था गंभीरता से संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग को अवगत कराकर शीघ्र ही उच्च स्तरीय जांच करके कार्यवाही की मांग किया हैं।


बताते चले कि थाना नवाबगंज क्षेत्र के जैतपुर गांव के मजरे चौहान पुरवा के रहने वाले झोलाछाप डॉ राजेश चौहान की हत्या की तफ्तीश कर रही नवाबगंज पुलिस ने संविदा कर्मी लाइनमैन देव नरायन उर्फ देवा को 14 सितंबर को पूछताछ के लिए थाने में बुलाया था। 


देवा के पिता रामवचन यादव का आरोप है कि उसके बेटे की पुलिसकर्मियों की पिटाई से कस्टडी में मौत हो गई। रामवचन ने मामले में प्रभारी निरीक्षक नवाबगंज तेज प्रताप सिंह, सिपाही मनोज कुमार, धर्मेंद्र सिंह व मिथिलेश के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था। एसओजी प्रभारी समेत टीम के पुलिसकर्मियों को भी बेटे की मौत का जिम्मेदार ठहराया था।


गुरुवार को इसी मामले में ग्रामीणों ने जमकर बवाल किया। मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने प्रदर्शनकारियों से आरोपी कोतवाल तेज प्रताप सिंह समेत अन्य आरोपियों की 24 घंटे में गिरफ्तारी कराने का आश्वासन दिया था।


 मगर प्रशासन की ओर से गिरफ्तारी के लिए दिया गया समय समाप्त हो गया। पुलिस टीम अपने ही आरोपी कोतवाल को तलाश नहीं पा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से अभी भी आक्रोश बरकरार है।


वही मानवाधिकार आयोग के दखल से पुलिस का दर्द बढ़ गया हैं।मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण आर्गनाइजेशन राष्ट्रीय महामंत्री तपन अग्निहोत्री ने मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए अमानवीय कृत्य बताया हैं, कड़े शब्दों में निंदा करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा किया है, उन्होंने कहा जब 302 तहत केस दर्ज किया गए तो अब तक दोषियों की गिरफ्तारी क्यों नही हुई।


उन्होंने पीएम रिपोर्ट को संदिग्ध बताते हुए आयोग से कहा कि पीड़ित को न्याय तभी मिलेगा जब इस प्रकरण की जांच किसी अन्य राज्य से मजिस्ट्रेट या सीबीआई से कराई जाए।।उन्होंने बताया आयोग जल्द ही कार्यवाही करेगी।


वही मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण ऑर्गनाइजेशन गोण्डा जिला अल्पसंख्यक अध्यक्ष तौफीक ने घटना की निंदा करते हुए कहा यह पीड़ित के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हैं, दोषियों पर 302 का मुकदमा दर्ज किया गया किन्तु अभी तक पुलिस अपने ही दोषी पुलिस को खोज कर गिरफ्तारी नही कर पाई हैं।संपूर्ण प्रकरण से आयोग को अवगत करवाया दिया गया हैं शीघ्र ही आयोग कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।।

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