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PARALI DO KHAD LO: आम के आम गुठलियों के दाम:‘‘पराली दो-खाद लो’’किसान उठाए इस कार्यक्रम का लाभ



गौशालाओं के माध्यम से ‘‘पराली दो-खाद लो’’ कार्यक्रम का संचालन वृहद रूप से करायें-जिलाधिकारी

वेदव्यास त्रिपाठी   

PARALI DO KHAD LO: प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने फसलों के अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम हेतु समस्त उपजिलाधिकारियों, उप कृषि निदेशक, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है। 


उन्होने निर्देशित किया है कि प्रत्येक ग्राम सभा के लिये ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग एवं अन्य सम्बद्ध विभाग के कर्मचारियों को फसल अवशेष या अन्य जलाने की घटनाओं को रोकने के निर्देश दिये जाये तथा घटना प्रकाश में आने पर लेखपाल, ग्राम प्रधान एवं अन्य विभाग के विभिन्न कर्मचारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये तथा प्रत्येक स्तर पर गठित प्रर्वतन टीम द्वार निरन्तर क्षेत्र भ्रमण कर नियमानुसार कार्यवाही सम्पादित की जाये। 


निराश्रित गौशालाओं में पराली पहुॅचाने की व्यवस्था की जाये, पराली इकट्ठा करने का काम मनरेगा तथा वित्त आयोग से फण्ड की व्यवस्था कर ली जाये तथा खेत से गौ-आश्रय स्थल तक पराली पहुॅचाने की व्यवस्था पशुपालन विभाग द्वारा की जायेगी जिसकी प्रगति सूचना कृषि विभाग को उपलब्ध करायी जायेगी। 


इसके अतिरिक्त ‘‘पराली दो-खाद लो’’ कार्यक्रम का संचालन भी गौशालाओं के माध्यम से वृहद रूप से कराया जाये।

उन्होने कहा है कि भारत सरकार द्वारा संचालित फसल अवशेष प्रबन्धन योजनान्तर्गत फसल अवशेष प्रबन्धन के लिये 14 प्रकार के यंत्र चिन्हित किये गये है। 


कृषकों को यह यंत्र उपलब्ध कराने हेतु कृषि विभाग द्वारा व्यक्तिगत कृषकों को कृषि यंत्र तथा एफ0पी0ओ0 द्वारा फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की जानी है जिसमें व्यक्तिगत कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान तथा एफ0पी0ओ0 सहकारी समिति एवं पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक स्थापना हेतु 80 प्रतिशत अनुदान पर यंत्र विभागीय पोर्टल के माध्यम से लाभार्थी का चयन कर कृषि यंत्रों का क्रय माह अक्टूबर 2022 तक पूर्ण कराते हुये अनुदान भुगतान की कार्यवाही समय से पूर्ण कर ली जाये जिससे धान फसल की कटाई के समय यंत्रों का उपयोग सुनिश्चित हो सके। 


उन्होने कहा कि कृषकों को जागरूक करने के लिये कृषि विभाग द्वारा गोष्ठियों एवं अन्य प्रचार प्रसार सम्बन्धी कार्य प्रारम्भ कर फसल अवशेष जलाने से मिट्टी, जलवायु एवं स्वास्थ्य को होने वाली हानियों से अवगत कराया जाये जिसमें कृषकों यह अवगत कराया जाये कि मा0 हरित अधिकरण के आदेश के अनुसार फसल अवशेष जलाना एक दण्डनीय अपराध है। 


इसमें 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिये रूपये 2500, 02 से 05 एकड़ के लिये रूपये 5000 तथा 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिये रूपये 15000 तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली की जायेगी।

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