वासुदेव यादव
अयोध्या। उफनाई सरयू की बाढ़ विभीषिका का तांडव जारी है। शहर का गुप्तार घाट सहित कई घाट पानी मे डूबा हुआ है तराई के गांव पानी से घिर कर टापू बने बैठे है।
पशुओं का चारा और परिवारों के आवास भोजन तक की ब्यवस्था प्रशासन नही कर पा रहा है। शहरी क्षेत्र में कुछ स्थानों पर लंच पैकेट बांट कर अधिकारियों ने अपना दायित्व पूरा समझ लिया तो ग्रामीण क्षेत्र के पीड़ितों को झांकने तक कोई नही गया।
सोहावल में रौनाही पुलिस के सिवा कोई नही दिखा जो बुधवार को पीड़ितों व ग्रामीणों से ही चंदा इकट्ठा कर जल पुलिस की मोटर बोट चलवा कर पीड़ितों का रिस्कयू रेसक्यू कराती रही।
कुछ समय के लिए नायब व उप-जिला अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्राम प्रधान मंगलसी प्रतिनिधि रामचेत यादव व रौनाही प्रधान प्रतिनिधि खुर्शीद खां,प्रधानाचार्य ज्ञान स्वरूप सिंह के जिम्मे प्राइमरी स्कूल में ठहराये गये सैकड़ो लोगों के भोजन आवास की ब्यवस्था करायी और जिम्मेदारी पूरी कर ली।
बाढ़ और राहत कोष से धेला भी खर्च नहीं किया सब सरकार का बचा लिया स वृहस्पतिवार को यह रेस्क्यू अभियान और भी दुर्गति को पहुँचा दिखाई पड़ा स फंसे पीड़ित परिवारों के लोग स्वयं हजारो रुपया खर्च कर अपने परिजनों का रेशक्यू कराते रहे।
पीड़ित गांव के निवासी ग्रामीण लल्ला पंचम बाल मुकुन्द बलिराम पचई आदि ने बताया कि 60 पशुओं को बाहर रेस्क्यू कराने के लिए गुप्तार घाट से 60 हजार नकद पर मोटर बोट मंगायी है आधे जानवर आ चुके है शेष आ रहे है।
पशुओं को भूखे मरना इनकी नियति बनती जा रही है स शासन की तरफ से न अयोध्या न ही गोंडा का कोई नेता समाज सेवी अधिकारी झांकने आया है। सभी पीड़ित राम भरोसे है अपने कर्म कमाही का रोना रो रहे है।
सोहावल के ढेमवा घाट से नबाबगंज गोंडा की सड़क नदी में विलीन होने से आवागमन पूरी तरह ठप है पुलिस पहरा दे रही है। उप-जिला अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि क्षेत्र में कई गांव में जल भराव था स इसे निकलवाया गया राजस्व कर्मी गांव में कैम्प कर हालात का जायजा ले रहे है।
गोंडा के रेस्क्यू किये जा रहे पीड़ितों को प्राथमिक विद्यालयो में शरण दिया गया है स ग्राम सभाओं से भोजन आदि दिया जा रहा है।
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