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भगवान् के प्रति अनुराग से उदित होता है भाग्यफल: आचार्य धीरेन्द्र पाल कृष्ण त्रिपाठी



कुलदीप तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़। क्षेत्र के पूरे गजई में हो रही श्रीमदभागवत कथा ज्ञानयज्ञ में शुक्रवार को श्रद्धालुओं को कथाश्रवण में आत्मविभोर देखा गया। 


कथाव्यास छोटी काशी राजातारा के आचार्य धीरेन्द्र पाल कृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि भगवान के प्रति अनुराग का प्रतिफल मनुष्य के भाग्य के उदय के साथ सदैव उसके लौकिक जीवन को संवार दिया करता है।


उन्होने कहा कि भगवान की कृपा कलिकाल में उसी प्राणी को फलीभूत हुआ करती है जो निश्छल मन से भगवान की निष्काम आराधना किया करता है। 


निर्दाेष को सताने वाले को ईश्वरीय दण्ड भी इतना कठोर मिला करता है कि अन्यायी की दुर्गति सौ जोजन के दण्ड से भी कठोरतम हो जाया करती है। 


मनुष्य को भी प्रत्येक स्त्री के प्रति यथा उम्र सम्मान की भावना सदैव संजोये रखनी चाहिए। वहीं हर दशा में नारी को पातिव्रत धर्म का कठोरता से निर्वहन करना चाहिए। कुलगुरू पं. धीरेन्द्रपाल कृष्ण त्रिपाठी ने कृष्ण नाम के सुमधुर सुमिरन को जीवन का सबसे बड़ा सुख और पुण्य भी बतलाया। 


कथा के संयोजक एवं प्राथमिक शिक्षक संघ रामपुर संग्रामगढ़ के अध्यक्ष राजेशचंद्र पाण्डेय ने कथाव्यास आचार्य धीरेन्द्रपाल कृष्ण त्रिपाठी का रोली चंदन से अभिषेक किया। 


कथा के मुख्य यजमान समाजसेवी रामअनुज पाण्डेय तथा मिथिलेश पाण्डेय ने व्यासपीठ का वैदिक पूजन किया। सह संयोजक पंकज पाण्डेय तथा नीरज पाण्डेय व धीरज पाण्डेय ने महाप्रसाद वितरण का प्रबंधन किया। 


इस मौके पर संजय पाण्डेय, विजय पाण्डेय, सुधीर पाण्डेय, राजेश मिश्र, माता प्रसाद पाण्डेय, गुडडू द्विवेदी, सुधाकर पाण्डेय, आदि रहे।

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