रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। जब लोग गहरी नींद में बेसुध होकर सो रहे थे उस दौरान रात्रि करीब 2 बजे के आसपास भूकंप के तेज झटकों ने लोगों की नींद गायब कर दिया।
करीब 10 सेकंड में तीन बार आये जोरदार भूकंप के झटके ने लोगों को बिस्तर छोड़ने पर मजबूर किया। लोग आनन-फानन में उठकर अपने घरों को छोड़कर रोड पर आ गए और रात में ही चहल-पहल शुरू हो गई।
भूकंप के बाद पुलिस के वाहन सड़कों पर दौड़ने लगे।हालांकि भूकंप के झटको से किसी प्रकार के धन या जन की हानि नहीं हुई। सरदार जोगिंदर सिंह जानी का कहना है कि चंद्र ग्रहण के बाद भूकंप आने की सूचना पुरोहितों द्वारा पहले ही दे दी गई थी।
मोहित कुमार पांडे कहते हैं कि भूकंप का झटका इतना तेज था की नींद खुलने के बाद पूरे परिवार को लेकर बाहर आना पड़ा।
चंद्रशेखर गोस्वामी बताते हैं कि इस तरह के झटके करीब 10 वर्ष पूर्व एक ही दिन में कई बार महसूस किए गए थे। उसकी यादें तरोताजा हुई है। दिनेश कुमार सिंह शिक्षक कहते हैं कि यह प्राकृतिक देन है।
भूकंप महसूस होने पर घर के बाहर मैदान में आ जाना चाहिए। इसके लिए सरकार को जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।
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